5 सितंबर को कमर्शियल ऑपरेशन शुरू कर चुके रिलायंस जियो के उपभोक्ताओं को 31 दिसंबर तक मुफ्त अनलिमिटेड कॉलिंग, अनलिमिटेज 4जी और एसएमएस जैसी कई सुविधाएं दी जा रही है। रिलायंस जियो को इस्तेमाल कर रहे अधिकतर यूजर्स के आगे सबसे बड़ी समस्या कॉल ड्रॉप्स की आ रही है। रिलायंस जियो के मुताबिक यह समस्या मौजूदा आपरेटरों द्वारा पर्याप्त इंटरकनेक्शन पोर्ट उपलब्ध न कराने के कारण हो रही है। मगर अब जल्द ही यूजर्स को इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
आईडिया के बाद देश की सबसे बड़ी फोन ऑपरेटर कंपनी भारती एयरटेल ने रिलायंस जियो को अतिरिक्त इंटरकनेक्ट पॉइंट्स उपलब्ध कराने की सहमति दी है। एयरटेल ने कहा है कि ये पोर्ट नए आपरेटर के 1.5 उपभोक्ताओं को समर्थन देने के लिए पर्याप्त होंगे। एयरटेल ने बयान में कहा, ‘‘हम जियो को इसके कमर्शियल ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही पॉइंट आफ इंटरकनेक्ट (पीआईओ) उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही पीओआई की कुल संख्या मौजूदा पीओआई की संख्या से तिगुना हो जाएगीं।’
रिलायंस जियो ने अपनी व्यावसायिक सेवाएं 5 सितंबर को शुरू की हैं। उसने मौजूदा आपरेटरों पर पर्याप्त इंटरकनेक्शन पोर्ट उपलब्ध न कराने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक सितंबर को आरोप लगाया था कि इंटर कनेक्टिविटी के मुद्दे की वजह से जियो के नेटवर्क पर 5 करोड़ कॉल ड्रॉप हुई।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस मामले को निपटाने के लिए हस्तक्षेप किया था। एक दिन पहले ही आइडिया सेल्युलर ने जियो को अधिक पीओआई उपलब्ध कराने की पेशकश की थी। आइडिया ने सोमवार को कहा था कि उसने अग्रसारी तरीके से जियो के साथ क्षमता को बढ़ाकर 65 लाख उपभोक्ताओं तक करने का फैसला किया है। इसके लिए जल्द 196 अतिरिक्त पीओआई जारी किए जाएंगे। सूत्रों का कहना है कि नियामक ने चेताया है कि जो दूरसंचार आपरेटर सेवाओं की खराब गुणवत्ता के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एयरटेल ने कहा है कि वह एक जिम्मेदार संगठन जो नियमनों तथा इंटरकनेक्ट करारों का उसकी शब्द और भावना के अनुरूप अनुपालन करने को प्रतिबद्ध है।