Ganga Expressway News: उत्तर प्रदेश के मेरठ को प्रयागराज से जोड़ने वाला 594 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे को पर्यावरण और वन मंत्रालय से पर्यावरण मंजूरी मिल गई है। छह लेन के इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट को 94 फीसदी भूमि अधिग्रहण के साथ सभी वैधानिक मंजूरी दे दी गई है, जिसके बाद काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के गृह सचिव और उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (UPEIDA) के चीफ एग्जीक्यूटिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि नोडल एजेंसी ने कहा कि 2025 तक इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए क्लियरिंग और ग्रबिंग का काम पहले से ही शुरू हो चुका है हमारे पास इस प्रोजेक्ट को खत्म करने के लिए 36 महीने की डेडलाइन है। एक बार एक्सप्रेस का काम पूरा हो जाएगा तो दिल्ली और प्रयागराज के बीच का 11 घंटे का सफर घटकर 6 से 7 घंटे का हो जाएगा।
बता दें, इस एक्सप्रेसवे पीपीपी मॉडल के तहत चार भागों में बनाया जाना है। मेरठ से अमरोहा तक 134 किलोमीटर का एक्सप्रेस में बनाने की जिम्मेदारी आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर को दी गई है, जबकि अमरोहा से प्रयागराज तक के 460 किलोमीटर के तीन भागों को अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज की ओर से बनाया जाएगा।
अडानी एंटरप्राइजेज के प्रवक्ता ने इस प्रोजेक्ट को लेकर बताया कि एक्सप्रेसवे को बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। हमारी कोशिश है कि इस प्रोजेक्ट को समय से पहले खत्म कर पाए। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि हम अब अपने प्रयासों को और अधिक बढ़ाएं और निर्माण को 28 महीनों के भीतर खत्म करें”
गंगा एक्सप्रेसवे को 36 हजार करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा था कि गंगा एक्सप्रेसवे में अडानी एंटरप्राइजेज 17 हजार करोड़ रुपये निवेश करने वाला है। वहीं, खबरें यह भी है कि अडानी एंटरप्राइजेज इस एक्सप्रेसवे को बनाने के लिए एसबीआई से 12 हजार करोड़ रुपये जुटाने के लिए बातचीत कर रहा है।
यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों से होकर गुजरेगा, जिसमें मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज है।