गौतम अडानी (Adani Group) का पावर टू पोर्ट समूह तेजी से अपने बिजनेस को बढ़ा रहा है। अब अडानी पोर्ट (Adani Port) को एक और बंदरगाह के अधिग्रहण की मंजूरी मिल चुकी है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनलस (NCLT) की अहमदाबाद और हैदराबाद बेंच ने गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (GPL) के 58.1 फीसदी बचे हुए हिस्सेदारी को खरीदने की मंजूरी दे दी है। वहीं अडानी पोर्ट के शेयर में तेजी देखने को मिली है। दोपहर 11.24 बजे अडानी पोर्ट 810 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था।
अडानी पोर्ट कंपनी ने सोमवार, (10 अक्टूबर, 2022) को इस अधिग्रहण की जानकारी दी है। गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (GPL) के बाकी बचे 58.1 फीसदी हिस्सेदारी के खरीदते ही अडानी के पास गंगावरम पोर्ट लिमिटेड (GPL) की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हो जाएगी, जिसका मतलब है कि यह कंपनी अडानी पोर्ट की सहायक कंपनी बन जाएगी।
गंगावरम पोर्ट एक सभी मौसम में, डीप वाटर और मल्टी पर्पज के लिए काम करने वाला बंदरगाह है, जबकि अडानी पोर्ट और स्पेशल इकॉनोमिक जोन (APSEZ) अडानी ग्रुप के कई कंपनियों में से एक फर्म है, जो भारत का सबसे बड़ा प्राइवेट बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स कंपनी है।
गौरतलब है कि APSEZ ने इस साल की शुरुआत में वारबर्ग पिंकस से कंपनी में 31.5 फीसदी और आंध्र प्रदेश सरकार से 10.4 फीसदी का हिस्सेदारी खरीदी थी। यह डील एक सयुंक्त रूप से किया जाएगा, जिसके बाद गंगावरम पोर्ट APSEZ की 100 फीसदी सब्सिडरी कंपनी बन जाएगा। इस डील के तहत गंगावरम बंदरगाह के पूर्व प्रवर्तकों को लगभग 47.7 मिलियन APSEZ शेयर जारी की जाएगी, जो शेयर स्वैप अरेंजमेंट के तहत किया जाएगा।
गंगावरम बंदरगाह के बचे हुए हिस्सेदारी को खरीदने में अडानी पोर्ट कंपनी को करीब 6,200 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। APSEZ के सीईओ और डारेक्टर करण अडानी ने कहा कि GPL का अधिग्रहण भारत की सबसे बड़ी परिवहन उपयोगिता के रूप में हमारी स्थिति को मजबूत करने और पूर्वी तट और पश्चिमी तट समानता प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वहीं गंगावरम पोर्ट के पास अच्छा रेल और रोड नेटवर्क कनेक्टिविटी है और इसका बिजनेस देश के 8 राज्यों में फैला हुआ है।
बता दें कि गंगावरम बंदरगाह 1,293 करोड़ रुपये (मार्च 2022 तक) के साथ एक कर्ज मुक्त कंपनी है और यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा नॉन मेजर पोर्ट है। रिपोर्ट के अनुसार, बंदरगाह नौ बर्थ और 1,800 एकड़ की फ्री होल्ड भूमि के साथ पूरी तरह से लदे सुपर केप आकार के जहाजों को संभालने की क्षमता रखता है।