दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी की कंपनी अडानी पोर्ट्स ने कृष्णापट्टनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड का अधिग्रहण कर लिया है। अडानी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन ने यह डील 12,000 करोड़ रुपये में की है। अडानी पोर्ट्स ने इस रकम में केपीसीएल के 75 फीसदी शेयर खरीदने का फैसला लिया है, जो अब तक सीवीआर ग्रुप एवं अन्य निवेशकों के पास थे। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में केपीसीएल को कुल 1,200 करोड़ रुपये के रेवेन्यू मिलने की उम्मीद है। दरअसल केपीसीएल आंध्र प्रदेस के दक्षिणी हिस्से में स्थिति मल्टी कार्गो फैसिलिटी पोर्ट का संचालन करती है। इस अधिग्रहण के साथ ही अडानी पोर्ट्स को 2025 तक 500 मिलियन मीट्रिक टन तक का टारगेट पूरा करने में मदद मिलेगी।

इस अधिग्रहण को लेकर अडानी पोर्ट्स के सीईओ करण अडानी ने कहा, ‘मैं खुश हूं कि देश का दूसरा सबसे बड़ा निजी पोर्ट केपीसीएल अब अडानी ग्रुप का हिस्सा बन गया है। इस अधिग्रहण से हमें वर्ल्ड क्लास कस्टमर सर्विस देने में मदद मिलेगी।’ बता दें कि करण अडानी ग्रुप के संस्थापक गौतम अडानी के बेटे हैं। इस अधिग्रहण के चलते अडानी ग्रुप पोर्ट्स के संचालन के मामले में एक कदम और आगे बढ़ गया है। पोर्ट्स के संचालन में देश की नंबर वन कंपनी के मालिक गौतम अडानी को इन्फ्रास्ट्रक्चर किंग कहा जाता है।

पोर्ट्स के अलावा एयरपोर्ट्स के संचालन में भी अडानी ग्रुप की अग्रणी भूमिका है। हाल ही में गौतम अडानी के ग्रुप ने मुंबई एयरपोर्ट में भी 74 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल की है। इसके साथ ही गौतम अडानी ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर किंग’ बनकर उभरे हैं। उनके कारोबार पर नजर डालें तो एयरपोर्ट, पोर्ट से लेकर बिजली उत्पादन जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में उनका बड़ा कारोबार है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े बिजनेस में वह वैश्विक स्तर पर बड़े खिलाड़ी हैं।

अडानी समूह फिलहाल देश के 11 बंदरगाहों का संचालन करता है, जबकि मुंबई एयरपोर्ट समेत देश के 6 बड़े हवाई अड्डों का ठेका भी उसके पास है। इस तरह अब कुल 12 बंदरगाहों का संचालन अडानी ग्रुप के पास हो जाएगा। यही नहीं अडानी लॉजिस्टिक्स कंपनी के जरिए कार्गो बिजनेस में भी गौतम अडानी का बड़ा दखल है। पावर सेक्टर की ही बात करें तो कंपनी जनरेशन, ट्रांसमिशन से लेकर डिस्ट्रिब्यूशन तक के बिजनेस में शामिल है।