US Bribery Indictment: भारतीय अरबपति कारोबारी गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी व अन्य लोगों पर लगे रिश्वतखोरी के बयान पर अब Adani Green Energy की तरफ से बड़ा बयान जारी किया गया है। एक बार फिर अडानी ग्रुप ने गौतम अडानी और अन्य लोगों पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से निराधार और गलत बताया है।
अडानी ग्रीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अमेरिकी भ्रष्टाचार प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के तहत आरोप लगाए जाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। और गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी , विनीत जैन पर यूएस डीओजे (US DOJ) के अभियोग या यूएस एसईसी (US SEC) की सिविल शिकायत में निर्धारित मुकदमों में FCA के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं है।
अडानी ग्रीन की तरफ से दूसरी बार आरोपों पर सफाई
बता दें कि इससे पहले सोमवार ( 25 नवंबर 2024) को भी रिश्वतखोरी के आरोपों को आधारहीन बताया था। अब AGEL की तरफ से स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बुधवार को यह जानकारी दी गई थी। इसमें कहा गया था कि गौतम अडानी, सागर अडानी या विनीत जैन पर कोई आरोप नहीं है। बल्कि अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के अभियोग में केवल Azure और CDPQ अधिकारियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाया गया है। और अडानी ग्रुप के अधिकारियों के खिलाफ घूसखोरी व भ्रष्टाचार के आरोपों पर मीडिया हाउसेज द्वारा चलाई जा रही खबर ‘गलत’ है।
बता दें कि पिछले करीब 3 दिन से गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और सीनियर डायरेक्टर विनीत जैन पर U.S. Foreign Corrupt Practices Act (FCPA) के तहत घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आररोप लगे थे, जिन्हें कंपनी ने पूरी तरह खारिज कर दिया है।
रिश्वत का आरोप भारत में तो अमेरिका क्यों कर रहा अडानी मामले की जांच? AZURE से जुड़ा क्या है मामला
अडानी ग्रुप पर लगे आरोप, जानें पूरा मामला
आपको बता दें की न्यूयॉर्क की एक फेडरल कोर्ट में सुनाई के दौरान अमेरिकी अभियोजकों ने गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी पर यूएस में एक सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारीय अधिकारियों पर 265 मिलियन डॉलर (करीब 2236 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा यूएस में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप भी हैं। इन आरोपों में कहा गया है कि 2020 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और Azure Power Global को ये सोलर प्रोजेक्ट दिलाने के लिए गलत तरीके से यूएस में भारतीय अधिकारियों को रिश्वत दी गई।
इसके अलावा, ये भी आरोप हैं कि रिश्वत वाबी बात अमेरिकी कंपनी यानी Azure Power Global से छिपा कर रखी गई। इस कॉन्ट्रैक्ट के जरिए कंपनी को 20 साल में दो अरब डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने का अनुमान था और इसका फायदा लेने के लिए झूठे दावे करके लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए।
लेकिन आरोपों के तुरंत बाद अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को आधारहीन बताया था और कहा था कि कंपनी हर फैसला कानून को ध्यान में रखकर ही लेता है। और इन आरोपों के बाद हरसंभव कानूनी मदद ली जाएगी।
रिश्वत के आरोप लगने के बाद अमेरिकी अभियोजनकों द्वारा अडानी समूह पर लगाए गए रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों के बाद केन्या ने अडानी ग्रुप के साथ 700 मिलियन डॉलर की डील रद्द कर दी है। पढ़ें यह पूरी खबर