Adani News: अडानी ग्रुप की रक्षा क्षेत्र कंपनी अडानी डिफेंस एंड ने भारतीय रक्षा एवं विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर देश का पहला लॉन्ग रेंज ग्लाइड बम (LRGB) विकसित किया है। इस बम की खासियत यह है कि यह खुद को नेविगेट और ग्लाइड करते हुए अपने टारगेट को ध्वस्त करने में सक्षम है।
डीआरडीओ ने दो बमों को डिजाइन तैयार किया है। पहला बम विंग के जरिए ग्लाइड कर निशाना लगाने वाला गौरव (Gaurav) एलआरजीबी है। दूसरा बिना विंग वाला गौथम (Gautham) है। गौरव एक टन वजनी 100 किलोमीटर रेंज वाला बम है। इसका पहली बार परिक्षण ओडिशा के बालासोर में 29 अक्टूबर 2021 को लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के जरिए किया गया था। इस बम से हवा में 10 किलोमीटर के एल्टीट्यूड से लेजर गाइड के लिए समुद्र तल पर सफलतापूर्वक निशाना लगाया गया था। यह बम मौजूदा समय में भारतीय वायुसेना में उपयोग होने वाले इजरायली हथियार स्पाइस 2000 का भारतीय अवतार है, जो 50 से 150 किलोमीटर तक निशाना लगा सकता है।
गौथम बिना विंग वाला वर्जन है। इसका वजन 500 किलोग्राम है और यह 30 किलोमीटर तक निशाना लगा सकता है। इसका परिक्षण 2019 में सफलता पूर्वक किया गया था। इसकी रेंज को 100 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है।
ये दोनों ही प्रेसिशन गाइडेड हथियार हैं। आमतौर पर इनका उपयोग एंटी-एयरक्राफ्ट डिफेंस में रेंज से बाहर मौजूद लक्ष्य पर निशाना साधने के लिए किया जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे लड़ाकू विमान को बचाने और नुकसान की आशंका कम हो जाती है। दोनों ही बमों की लंबी 4 मीटर और ब्यास 0.64 मीटर है।
अडानी डिफेंस रक्षा के क्षेत्र में अपना तेजी के साथ विस्तार कर रहा है। अडानी डिफेंस ने ड्रोन विकसित करने के लिए इजरायली कंपनी एल्बिट सिस्टम के साथ भी साझेदारी की हुई है। कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, फिलहाल वह हेर्मेस 900 (Hermes 900), हेर्मेस 450 (Hermes 450), स्काई स्ट्राइकर (SKY STRIKER), स्काईलार्क (Skylark) और थोर (Thor) जैसे ड्रोन विकसित कर रहा है। इसके साथ ही अडानी डिफेंस 1500 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश के कानपुर में हथियारों की दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री लगाने जा रहा है।
