Aadhaar Update: आधार कार्ड धारकों के लिए जरूरी खबर है। बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने 5-15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए आधार में अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) पूरा करने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
UIDAI प्रमुख भुवनेश कुमार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर स्कूलों में शिविर लगाकर लंबित एमबीयू पूरा करने का निर्देश दिया है। 27 अगस्त को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक बयान में कहा बात कहीं है।
बयान में कहा गया है कि इस कदम से करोड़ों छात्रों के लिए आधार में MBU की सुविधा उपलब्ध होगी। इस संबंध में, UIDAI ने स्कूली बच्चों के आधार से संबंधित एमबीयू स्थिति को यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) एप्लिकेशन पर उपलब्ध कराने के लिए स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के साथ हाथ मिलाया है।
आधार में एमबीयू का समय पर पूरा होना 5 वर्ष और 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए एक जरूरत है और यह आधार में बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। करीब 17 करोड़ आधार संख्याएं ऐसी हैं जिनमें अनिवार्य बायोमेट्रिक्स अपडेट लंबित है।
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बच्चों के लिए क्यों है आधार में बायोमेट्रिक्स अपडेट करना जरूरी?
अगर आधार में बायोमेट्रिक्स अपडेट नहीं हैं, तो विभिन्न सरकारी स्कीम्स के तहत लाभ प्राप्त करने, NEET, JEE आदि परीक्षाओं में रजिस्ट्रेशन के लिए वेरेफिकेशन करते समय परेशानी आ सकती हैं।
रिलीज के मुताबिक, “यह देखा गया है कि कई बार छात्र और अभिभावक लास्ट समय में आधार अपडेट कराने की जल्दी में होते हैं, जिससे चिंताएं पैदा होती हैं। समय पर बायोमेट्रिक अपडेट करके इससे बचा जा सकता है।”
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यूआईडीएआई के सीईओ ने लिखा पत्र
यूआईडीएआई के सीईओ ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे अपने पत्र में उन्हें इस पहल से अवगत कराया और उनसे लक्षित एमबीयू शिविरों के आयोजन में सहयोग करने का अनुरोध किया।
पत्र में कहा गया है, “ऐसा सोचा गया था कि स्कूलों के जरिए एक शिविर आयोजित करने से लंबित एमबीयू को पूरा करने में मदद मिल सकती है। मुख्य प्रश्न यह था कि स्कूलों को कैसे पता चलेगा कि किन छात्रों ने बायोमेट्रिक अपडेट नहीं किए हैं। यूआईडीएआई और भारत सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तकनीकी टीमों ने यूडीआईएसई+ एप्लिकेशन के जरिए एक समाधान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मिलकर काम किया है। अब सभी स्कूलों को लंबित एमबीयू की जानकारी मिल सकेगी।”
मंत्रालय के अनुसार, यूआईडीएआई और स्कूली शिक्षा विभाग की इस संयुक्त पहल से बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट करने में आसानी होगी।