8th Pay Commission: आखिरकार वो समय आ गया है जिसका केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को लंबे समय से इंतजार था। केंद्र सरकार ने बताया है कि आठवें वेतन आयोग (8th Central Pay Commission) के लिए terms of reference (ToR) बनाने के लिए Staff Side of the National Council of Joint Consultative Machinery (NC-JCM) की तरफ से सुझाव मिल गए हैं।

आपको बता दें कि एनजी-जेसीएम सरकार और इसके कर्मचारियों के बीच बातचीत के लिए एक प्लेटफॉर्म है, खासतौर पर सामान्य हित और कर्मचारी कल्याण के मामलों से संबंधित।

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क राज्यसभा सदस्य, भुवनेश्वर कलिता द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में केंद्र सरकार की तरफ से यह जवाब आया है। सदस्य ने सरकार से 8वें वेतन पैनल ToR के लिए एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष के विशिष्ट सुझावों के बारे में जानना चाहा। उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि क्या सरकार इन सुझावों पर विचार कर रही है या नहीं।

8th Pay Panel ToR के सवाल पर सरकार का बयान

संसद में सवालों के जवाब में, वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने स्वीकार किया कि सरकार को हितधारक परामर्श के हिस्से के रूप में एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष से सुझाव प्राप्त हुए हैं।

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आठवें वेतन पैनल टीओआर के लिए परामर्श प्रक्रिया (consultation process) के बारे में एक अन्य प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग और राज्यों सहित प्रमुख हितधारकों से इनपुट मांगे गए हैं।

सरकार को कर्मचारी पक्ष NC-JCM से कब मिले ToR सुझाव?

NC-JCM ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के एक पत्र के जवाब में, मोदी सरकार द्वारा वेतन पैनल की घोषणा के एक महीने के भीतर, इस साल फरवरी में आगामी 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के लिए प्रस्तावित ToR पेश किया था।

एनसी-जेसीएम के कर्मचारी पक्ष ने सरकार के साथ लगभग 15 प्रमुख सिफारिशें साझा कीं। एनसी-जेसीएम के टीओआर प्रस्ताव में यह विवरण दिया गया है कि 8वें वेतन आयोग के तहत किस कैटेगिरी के कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा।

1. कर्मचारी कैटेगिरी का व्यापक कवरेज (Broad coverage of employee categories)

  1. एनसी-जेसीएम ने प्रस्तावित किया कि 8वें वेतन आयोग में केंद्र सरकार (औद्योगिक और गैर-औद्योगिक), अखिल भारतीय सेवाएं, रक्षा और अर्धसैनिक बल, ग्रामीण डाक सेवक, केंद्र शासित प्रदेश के कर्मचारी, ऑडिट और सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारी, नियामक निकाय कर्मचारी (आरबीआई को छोड़कर), और स्वायत्त संस्थानों सहित कर्मचारियों की एक बड़ी रेंज शामिल है।

2.1.2026 तक संशोधित वेतन पैकेज (Revised pay package as of 1.1.2026)

इसने सिफारिश की कि आयोग 1 जनवरी, 2026 से प्रभावी सभी कर्मचारियों के लिए एक व्यापक संशोधित वेतन संरचना (comprehensive revised pay structure) तैयार करे।

3.आधुनिक जरूरतों पर आधारित लिविंग वेज(Living wage based on modern needs)

  1. एनसी-जेसीएम ने आयोग से 2019 श्रम मंत्रालय की सिफारिशों के अनुरूप, 1957 के आयक्रॉयड फॉर्मूले को रिवाइज करने और प्रति परिवार 3.6 कंजम्पशन यूनिट का इस्तेमाल करते हुए, एक सभ्य और सम्मानजनक जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित करने का आग्रह किया।

4.निम्न वेतन स्तरों का विलय (Merger of lower pay levels)

परिषद ने वेतन मैट्रिक्स के बेहतर तरीके के लिए ओवरलैपिंग या गैर-व्यवहार्य वेतन स्तरों – जैसे लेवल 1 को 2 के साथ, 3 को 4 के साथ, और 5 को 6 के साथ विलय करने का सुझाव दिया।

5.Reform in MACP structure (एमएसीपी संरचना में सुधार)

  1. इसने Modified Assured Career Progression (MACP) योजना में कमियों को ठीक करने, स्पष्ट रूप से परिभाषित पदानुक्रम में कम से कम तीन प्रमोशन सुनिश्चित करने का आह्वान किया।

6.Immediate interim relief (तत्काल अंतरिम राहत)

परिषद की मांग के अनुरूप कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों के लिए अविलंब अंतरिम राहत प्रदान की जानी चाहिए।

7.सैलरी/पेंशन के साथ डीए और डीआर का मर्जर (DA and DR merger with pay/pension)

  1. परिषद ने महंगाई भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) का एक उपयुक्त प्रतिशत मूल वेतन और पेंशन के साथ विलय करने की सिफारिश की।

8.7वीं सीपीसी विसंगतियों का समाधान करें (Resolve 7th CPC anomalies)

इसने आयोग से विसंगति और जेसीएम बैठकों में उठाए गए 7वें वेतन आयोग की अनसुलझी विसंगतियों को दूर करने के लिए कहा।

9. बेहतर सेवानिवृत्ति लाभ (Improved retirement benefits)

  1. सुझावों में बेहतर पेंशन शर्तें, कम्युटेड पेंशन (12 साल के बाद) की त्वरित बहाली, और हर पांच साल में पेंशन की समीक्षा के साथ अतीत और भविष्य के पेंशनभोगियों में बराबरी शामिल है।

10.ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली (Restore old pension scheme)

एक प्रमुख मांग, अंशदायी एनपीएस (contributory NPS) को खत्म करने और CCS (Pension) Rules 1972/2021 के तहत पहले से परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली (benefit pension system) को बहाल करने की थी।

11.सीजीएचएस और चिकित्सा लाभ (CGHS and medical benefits)

  1. परिषद ने सीजीएचएस पर संसदीय समिति की सिफारिशों को लागू करने, फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस (FMA) बढ़ाने और कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए कैशलेस, परेशानी मुक्त चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने की मांग की।

12.पीजी स्तर तक शिक्षा भत्ता (Education allowance up to PG level)

इसमें कर्मचारियों के बच्चों के लिए बाल शिक्षा भत्ता और छात्रावास सब्सिडी को पोस्ट-ग्रेजुएट लेवल तक बढ़ाने के लिए कहा गया।

13. एडवांस का रीस्टोरेशन और शुरूआत (Restoration and introduction of advances)

  1. वेतन आयोग से नए आवश्यकता-आधारित एडवांस पेश करने और पहले बंद किए गए एडवांस को बहाल करने का आग्रह किया गया था।

14. रेलवे कर्मचारियों के लिए जोखिम भत्ता (Risk allowance for railway staff)

इसने उन सभी भारतीय रेलवे कर्मचारियों को जोखिम और कठिनाई भत्ते के भुगतान की सिफारिश की जो 24×7 चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं।

15. रक्षा नागरिकों के लिए विशेष जोखिम भत्ता (Special risk allowance for defence civilians)

  1. विस्फोटकों और रसायनों जैसी खतरनाक सामग्रियों के साथ काम करने वाले रक्षा प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को अलग से जोखिम भत्ता, बीमा कवरेज और पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए।