सरकार ने देश में रेलवे के विकास और विस्तार के लिए पांच सालों में 8.56 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है। इस बारे में निवेश योजनाओं में बजटीय संसाधनों और आंतरिक सृजन के अलावा संस्थागत वित्त पोषण, सार्वजनिक निजी भागीदारी और कर्ज आदि के जरिए वित्त व्यवस्था करना शामिल है।

लोकसभा में कौशलेंद्र कुमार और बी सेनगुट्टुवन के सवाल के जवाब में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि 2015-16 के रेल बजट में इस आशय का उल्लेख किया गया है। रेलवे में इन निवेश योजनाओं में प्राथमिकता के प्रमुख क्षेत्रों में रेल नेटवर्क के भीड़भाड़ को कम करना, नेटवर्क का विस्तार करना, संरक्षा संबंधी कार्य, चल स्टाक की खरीद, स्टेशनों के पुनर्विकास संबंधी कार्य शामिल हैं।

रेल मंत्री ने कहा कि रेल मंत्रालय ने नवंबर 2014 में रेलवे सेक्टर में जिन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष निवेश के लिए दिशानिर्देश जारी किए उनमें पीपीपी के जरिए उपनगरीय कॉरिडोर योजना, हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाएं, डेडीकेटेड फ्रेट लाइनें, ट्रेन सहित चल स्टॉक और इंजन अथवा सवारी डिब्बा विनिर्माण और अनुरक्षण सुविधाएं, रेलवे का विद्युतीकरण, सिग्लन प्रणाली, फ्रेट टर्मिनल, पैसेंजर टर्मिनल, ऊर्जा के अपारंपरिक स्रोत, रेलवे तकनीकी प्रशिक्षण संस्थान, यंत्रीकृत लाउंड्री, चल स्टाक की खरीद, जैव शौचालय, बिना चौकीदार के समपारों के लिए प्रौद्योगिकी समाधान, दुर्घटना कम करने के लिए संरक्षा सुधार समेत अन्य कार्य शामिल हैं।

रेल मंत्रालय के आंकड़े के मुताबिक आगामी पांच सालों में जिन मदों में 8.56 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है, उनमें विद्युतीकरण, दोहरीकरण, यातायात सुविधाओं समेत नेटवर्क की भीड़भाड़ को कम करने के लिए 1.99 लाख करोड़ रुपए का निवेश शामिल है। रेलवे ने अगले पांच सालों में विद्युतीकरण समेत रेल नेटवर्क के विस्तार कार्य के लिए 1.93 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना बनाई है। पूर्वोत्तर और कश्मीर से संपर्क को बढ़ावा देने समेत राष्ट्रीय परियोजनाओं के वास्ते 39,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। अगले पांच सालों में रेलपथ नवीनीकरण, पुल संबंधी कार्य, सिग्नल, दूरसंचार व्यवस्था समेत संरक्षा कार्य के मद में 1.27 लाख करोड़ रुपए के निवेश की योजना है जबकि सूचना व प्रौद्योगिकी के लिए 5000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा।

इंजन सवारी डिब्बे, माल डिब्बे उत्पादन और अनुरक्षण आदि के लिए 1.02 लाख करोड़ रुपए के निवेश, स्टेशन पुनर्विकास और लाजिस्टिक पार्क के मद में एक लाख करोड़ रुपए, हाई स्पीड रेल, एलीवेटर कॉरिडोर के लिए 65000 हजार करोड़ रुपए और यात्री सुविधाओं के लिए 12500 करोड़ रुपए के निवेश की योजना है।

रेल मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया है जो एक लाख करोड़ रुपए से अधिक के सुरक्षा कोष का सृजन करेगा। लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने राष्ट्रीय रेल संरक्षा कोष के गठन के लिए एक समिति का गठन किया है जिसमें।,10,237 करोड़ रुपए की राशि होगी। समिति में एग्जक्यूटिव डायरेक्ट (सिविल इंजीनियरिंग, योजना), संयोजक के रूप में रेलवे बोर्ड और वित्त व्यय के कार्यकारी निदेशक, सिग्नल (विकास), इलेक्ट्रिकल एनर्जी मैनेजमेंट, मैकेनिकल इंजीनियरिंग (परियोजना), रेलवे बोर्ड के निदेशक शामिल होंगे।