7th Pay Commission, Night Duty Allowance: कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कई नियम बदले हैं। ये नियम कर्मचारियों और पेंशनभोगियों दोनों के लिए बदले हैं। इन्हीं में से एक नियम नाइट ड्यूटी अलाउंस का है। आइए जानते हैं कि नाइट ड्यूटी अलाउंस में क्या और कब बदलाव हुआ है।

दरअसल, बीते वित्त वर्ष की पहली छमाही में केंद्रीय कर्मचारियों के नाइट ड्यूटी अलाउंस में बदलाव किया गया। नई व्यवस्था के तहत नाइट ड्यूटी अलाउंस के लिए बेसिक तय की सीमा 43,600 रुपये तय की गई है। नाइट ड्यूटी के दौरान प्रति एक घंटे की ड्यूटी पर 10 मिनट का वेटेज का भी प्रावधान है।

कैसे होता है नाइट अलाउंस का कैल्कुलेशन: आपको यहां बता दें कि सरकार के इस अलाउंस को देने का एक कैल्कुलेशन भी है। इसके तहत बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के जोड़ को 200 से भाग (बेसिक सैलरी+महंगाई भत्ता/200) दिए जाने की व्यवस्था की गई है। नाइट ड्यूटी जॉइन करने के दिन जो बेसिक सैलरी होगी, उसके आधार पर ही नाइट ड्यूटी अलाउंस कैलकुलेट किया जाता है। ये नियम सिर्फ उन कर्मचारियों के लिए है, जो रात में ड्यूटी करते हैं। (ये पढ़ें- 7th Pay Commission: दिव्यांग कर्मचारियों के लिए है ये नियम)

सरकार ने ये नियम कोरोना काल में लागू किया गया है। हालांकि, कोरोना के दौरान केंद्रीय कर्मचारियों को बढ़े हुए महंगाई भत्ते को रोक दिया गया था। इस भत्ते को एक बार फिर सरकार देने वाली है। ये भत्ते जुलाई महीने में दिए जाएंगे।

दरअसल, सरकार ने बीते साल के मार्च महीने में कर्मचारियों को 17 फीसदी से बढ़ाकर 21 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ता देने की बात कही थी। लेकिन कोरोना और लॉकडाउन की वजह से इसे रोक दिया गया।

इस दौरान कर्मचारियों को पुरानी दर 17 फीसदी का ही भत्ता मिल रहा है। अब एक बार फिर रोकी गई रकम को देने का फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि सरकार कर्मचारियों को छमाही आधार पर साल में दो बार महंगाई भत्ता देती है। इसे वर्तमान में 17 फीसदी के हिसाब से दिया जा रहा है, जो जुलाई से एक बार फिर 21 फीसदी हो जाएगी। इसका फायदा लाखों कर्मचारी और पेंशनभोगियों को होने वाला है।