7th Pay Commission: दशहरा से पहले रेलवे के केंद्रीय कर्मचारियों को बोनस से जुड़ी बड़ी खबर मिल सकती है। ऑल इंडिया रेलवेमेन्स फेडरेशन (AIRF) के जनरल सेक्रेटरी शिव गोपाल मिश्रा ने वित्तवर्ष 2023-24 के लिए रेलवे कर्मचारियो के लिए Productivity Linked Bonus (PLB) पर notional salary ceiling (अनुमानित वेतन सीमा) को हटाने की मांग की है। बता दें कि हर बार रेलवे कर्मचारियों को दशहरा पूजा (Dussehr Puja) की छुट्टियों से पहले बोनस मिलता रहा है लेकिन फिलहाल यह पेमेंट 7000 रुपये महीने की अनुमानित सैलरी पर आधारित होता है।

AIRF का कहना है कि रेलवे कर्मचारी यूनीक और भारी मांग वाली ड्यूटीज करते हैं और खासतौर पर दूरदराज के उन इलाकों में भी काम कर रहे हैं जहां जरूरू बेसिक सुविधाओं का भी अभाव है। उनकी कठिन मेहनत और महत्वपूर्ण योगदान के बावजूद सरकार द्वारा अनुमानित वेतन (Notional Salary) के आधार पर वेतन दिया जाना सवाल खड़ा करता रहा है।

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हाल ही में, रेलवे कर्मचारियों के एक समूह ने केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से अपील की थी कि वे उनके वार्षिक पीएलबी (PLB) की गणना छठे वेतन आयोग के बजाय 7वें वेतन आयोग के आधार पर हो।

एक पत्र में, भारतीय रेलवे कर्मचारी महासंघ (आईआरईएफ) के राष्ट्रीय महासचिव सर्वजीत सिंह ने कहा कि वर्तमान पीएलबी की गणना छठे वेतन आयोग से 7,000 रुपये प्रति माह के न्यूनतम वेतन को लेकर की जाती है। उन्होंने कहा कि 7वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 18,000 रुपये कर दिया गया है, जो रेलवे कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से मिल रहा है।

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कर्मचारियों ने की बोनस कैलकुलेशन को बदलने की मांग

IREF ने जोर देकर कहा है कि सरकारी दिशानिर्देश के मुताबिक, राज्य रेलवे कर्मचारियों को 78 दिन की सैलरी के बराबर PLB मिलना चाहिए। हालांकि, अभी 17,951 रुपये की मौजूदा पेमेंट को 7000 रुपये प्रति माह सैलरी के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। जो किसी भी रेलवे कर्मचारी की कमाई को असल में रीप्रेजेंट नहीं करता।

बता दें कि रेलवे में अभी न्यूनतम बेसिक मंथली सैलरी 18000 रुपये है। इस लिहाज से 78 दिन के लिए मिलने वाला 17,951 रुपये बोनस, न्यूनतम सैलरी से कम है। यही वजह है कि कर्मचारियों में इसे लेकर चिंता है। मौजूदा न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये के हिसाब से 78 दिन का बोनस 46,159 रुपये होना चाहिए।

इस साल भारतीय रेलवे ने पिछले वर्ष के 1,312 मीट्रिक टन के मुकाबले 1,591 मीट्रिक टन का रिकॉर्ड माल लदान हासिल किया जो रेलवे कर्मचारियों के समर्पण को दिखाता है। हालांकि, वित्त मंत्रालय के दबाव में रेलवे बोर्ड ने पीएलबी गणना फॉर्मूले में कटौती का प्रस्ताव दिया, जिसमें केवल 76 दिनों के वेतन के बराबर बोनस का सुझाव दिया गया। एआईआरएफ ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया और अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद यह सहमति बनी कि बोनस 78 दिनों का ही रहेगा।

अब AIRF ने सभी रेलवे कर्मचारियों से अपील की है कि सैलरी सीलिंग को हटाने के लिए इकट्ठे हों और जोर देकर कहा कि PLB को असल वेतन के आधार पर कैलकुलेट किया जाना चाहिए।