7th Pay Commission: चुनावी राज्य हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों को मकान किराए के लिए भत्ता देने की घोषणा की। बता दें कि प्रदेश में इस साल अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। संशोधित हाउस रेंट अलाउंस (HRA) एक अगस्त से लागू किया जाएगा। सरकार के इस कदम का लाभ करीब 3.5 लाख कर्मचारियों को मिलने वाला है। प्रदेश के मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया कि सरकार के फैसले से सरकारी खजाने में 1,900 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। खट्टर ने कर्मचारियों और ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद इस बात की घोषणा की।
हालांकि इस दौरान उन्होंने पंजाब के समकक्ष कर्मचारियों को वेतन देने की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि ‘इस तरह के मुहावरे का इस्तेमाल करना बंद कीजिए।’ उन्होंने कहा कि पंजाब के कुछ विभागों की तुलना में प्रदेश सरकार पहले ही अतिरिक्त वेतन और सुविधाएं कर्मचारियों को दे रही है। हालांकि सीएम संग मुलाकात के बाद कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने सरकार पर अपने पूर्व-सर्वेक्षण के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने वादा किया था सत्ता में आने के बाद कर्मचारियों के वेतन पंजाब कर्मचारियों के समकक्ष किया जाएगा। सर्व कर्मचारी संघ के महासचिव सुभाष लांबा ने कहा, ‘सरकार ने अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए एक नीति तैयार करने की मांग को स्वीकार नहीं किया।’ हालांकि सीएम खट्टर ने इस दौरान कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना की बहाली का मामला केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
हरियाणा सीएम ने आगे कहा कि उनकी सरकार मृत कर्मचारी के आश्रित परिजनों के लिए बनाई गई भूतपूर्व पॉलिसी को फिर पुनर्जीवित करेगी जिसे साल 1996 में बंद कर दिया गया था। नई नीति को भी एक अगस्त से लागू किया जाएगा। सीएम खट्टर के मुताबिक मृतक कर्मचारी जिनकी उम्र 52 साल या इससे कम या उन्होंने पांच साल नौकरी की, उन्हें इस योजना के दायरे में लाया जाएगा।
हरियाणा सीएम ने आगे कहा कि ऐसे मृतकों के परिजनों को दो विकल्प दिए जाएंगे या तो वो मृतक कर्मचारी के रिटायर्ड होने के दिनों तक मिलने वाली बाकी सैलरी लें या फिर ग्रुप सी और ग्रुप डी में सरकारी नौकरी लें। हालांकि इसमें शर्त यह होगी की मृतक के परिवार का कोई और सदस्य सरकारी सेवा में ना हो। उन्होंने कहा कि जिन परिवार ने कर्मचारी की मृत्यु के बाद आर्थिक मदद नहीं ली उनके पास सरकारी नौकरी करने का विकल्प होगा।