7th Pay Commission: सेंट्रल गवर्मेंट के कर्मचारियों की सैलरी को सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के मुताबिक बढ़ा दिया गया है। अब केंद्रीय कर्मचारियों को इस बात का इंतजार है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिसों के अलावा उनकी सैलरी को और कब बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय कर्मचारियों की मांग है कि उनकी सैलरी को सातवें वेतन आयोग की सिफारिसों से ज्यादा बढ़ाया जाए। वह चाहते हैं कि फिटमेंट फेक्टर को 2.57 गुना बढ़ाने के बजाए 3.68 गुना बढ़ाया जाए। कर्मचारियों का कहना है कि बढ़ती महंगाई के चलते इतने कम रुपए में खर्च चलाना मुश्किल है। हालांकि सरकार की तरफ से सैलरी बढ़ाने के संकेत नहीं मिल रहे हैं।
अगर मांग के मुताबिक कर्मचारियों की सैलरी बढ़ती है तो इसका सारा बोझ केंद्र सरकार पर आएगा। इसके पीछे बड़ी दिक्कत पैसे की है। कई राज्य और यहां तक की रेलवे भी इस बात को उठा चुका है। तमिलनाडु से लेकर जम्मू कश्मीर राज्य तक रिवेन्यू की दिक्कत को उठा चुके हैं। राज्यों का कहना है कि इससे उनका वित्तीय घाटा और बढ़ सकता है। हालांकि, अर्थव्यवस्था की स्थिति उम्मीद को बढ़ा रही है क्योंकि कई सकारात्मक चीजें हो रही हैं। इन सकारात्मक चीजों के मद्देनजर सैलरी बढ़ोतरी की संभावनाएं बढ़ गई हैं। इसमें सबसे ताजा है कि जीएसटी से ज्यादा टैक्स कलेक्शन हो रहा है।
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंचा है। कुल 1,03,458 करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ था। इससे सरकार को बड़ी राहत मिलेगी। यह आंकड़ा आने वाले महीनों में बढ़ने की उम्मीद है। सरकारी राजस्व भी इससे काफी बढ़ेगा। इससे पहले इसकी शुरुआत बहुत धीमी हुई थी। हालांकि रिटर्न दाखिल करने पर भ्रम खत्म होने के बाद इसमें तेजी आई है। अपने राजस्व में बढ़ोतरी के साथ, सरकार सातवें वेतन आयोग की सिफारिश से परे केंद्र सरकार के कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के बारे में सकारात्मक सोचने के लिए काफी बेहतर होगी।