यहां की एक उपभोक्ता अदालत ने बैंक आफ इंडिया(बीओआइ)को सेवाओं में कमी का दोषी पाते हुए एक शिकायतकर्ता को 7000 रुपए का भुगतान करने को कहा है जिसमें मुआवजा व कानूनी खर्च शामिल है। वकील बीआर रामचंदानी ने इस बारे में ठाणे जिला उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में शिकायत की थी।

यह शिकायत ‘स्टार ईपे’ सेवा को लेकर थी। वादी का कहना है कि उसने यह सेवा सिर्फ एमटीएनएल के लिए ली थी लेकिन बैंक ने उसके खाते से पैसे काटकर उनकी ओर से महाराष्ट्र राज्य बिजली वितरण कंपनी (एमएसईडीसीएल)को भुगतान कर दिया। मंच ने सुनवाई के बाद बैंक को सेवाओं में कमी का दोषी पाया और 5000 रुपए मुआवजे और 2000 रुपए का कानूनी खर्च के रूप में शिकायतकर्ता को देने को कहा।