केंद्र व राज्य सरकारों के लगभग 60,000 राजस्व अधिकारियों को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानूनों के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा ताकि इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को अप्रैल 2017 तक लागू किया जा सके। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने जीएसटी के कार्यान्वयन के लिए जो विस्तृत रूपरेखा तैयार की है उसके अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) बुनियादी ढांचा मार्च 2017 तक तैयार हो जाएगा और इस बारे में उद्योग जगत को जागरूक बनाने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। जीएसटी कानूनों के बारे में अधिकारियों का प्रशिक्षण दिसंबर 2016 तक पूरा होगा। इसके बाद जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) उन्हें मार्च 2017 तक आईटी बुनियादी ढांचे के बारे प्रशिक्षण देगा।

जीएसटीएन एक गैर सरकारी कंपनी है जिसे केंद्र व राज्यों ने स्थापित किया है। यह कंपनी इसलिए बनाई गई है ताकि केंद्र व राज्य सरकारों, करदाताओं व अन्य भागीदारों को साझा आईटी बुनियादी ढांचा व सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। राजस्व विभाग ने हैदराबाद व जयपुर में भागीदारों के साथ परामर्श पहले ही शुरू कर दिया है। केंद्रीय उत्पाद कर व सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी), बैंकों, आरबीआई, राज्य एकाउंटिंग प्राधिकारों व राज्यों का आईटी नेटवर्क दिसंबर 2016 के आखिर तक तैयार होगा। सभी भागीदारों से जुड़े आईटी ढांचे के एकीकरण व परीक्षण का काम जनवरी मार्च 2017 में होना है। राजस्व विभाग का कहना है कि नई प्रणाली के तहत मौजूदा डीलरों को नया पंजीकरण करवाने की जरूरत नहीं होगी। वैट: सेवाकर, केंद्रीय उत्पादशुल्क डीलर डेटा को जीएसटी ढांचे में भेजा जाएगा।

नए डीलरों के लिए, एक ही आवेदन ऑनलाइन भरना होगा तथा पंजीकरण सिर्फ तीन दिन में हो जाएगा। जीएसटी रिटर्न के लिए केंद्र व राज्य सरकारों, दोनों के लिए एक ही फाइलिंग करनी होगी। औसतन करदाता रिटर्न दाखिल करने के लिए केवल चार फॉर्म भरेंगे जिनमें आपूर्ति, खरीद के लिए रिटर्न, मासिक व सालाना रिटर्न शामिल है। आईटी बुनियादी ढांचा तैयार करने, कर अधिकारियों के प्रशिक्षण तथा जागरुकता कार्यक्रम आदी के लिए केंद्र व राज्यों को एक कानूनी ढांचा खड़ा करना होगा। उल्लेखनीय है कि जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक बुधवार (3 अगस्त) को राज्यसभा ने पारित कर दिया।