दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को उन कंपनियों की लिस्ट जारी कर दी है, जिन्होंने 5G स्पेक्ट्रम के लिए आवेदन दिया है। इस लिस्ट से यह भी साफ हो गया है कि अडानी ग्रुप की ओर से अडानी डाटा नेटवर्क्स लिमिडेट ने 5G के लिए आवेदन किया है। अडानी की यह कंपनी संपत्ति के मामले में वोडाफोन-आइडिया से कई गुना आगे है।
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, दूरसंचार विभाग (DoT) ने गुजरात सर्कल में एकीकृत लाइसेंस के अनुदान के लिए आशय पत्र जारी किया है। दूरसंचार विभाग को अडानी के अलावा तीन अन्य कंपनियों- रिलायंस जियो इन्फोकॉम, वोडाफोन आइडिया इंडिया और भारती एयरटेल, से आवेदन प्राप्त हुए हैं।
गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने शनिवार को पुष्टि की थी कि वह आगामी दूरसंचार स्पेक्ट्रम नीलामी की दौड़ में है। हालांकि अडानी ग्रुप का आम ग्राहकों वाले बाजार में उतरने का प्लान नहीं है। इस स्पेक्ट्रम का उपयोग वो अपने हवाई अड्डों से लेकर पोर्ट्स, पावर ट्रांसमिशन के लिए साइबर सुरक्षा प्रदान करने के लिए नेटवर्क के रूप में करेगा।
अडानी समूह ने जिस नए निगमित अडानी डाटा नेटवर्क्स लिमिडेट के माध्यम से आवेदन किया है, उसकी कुल संपत्ति 248.35 करोड़ रुपये है। प्रवर्तक फर्म अदानी एंटरप्राइजेज की कुल संपत्ति (4730.66 करोड़ रुपये) का उपयोग बोलियों के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए किया जाएगा। अडानी समूह दूरसंचार क्षेत्र में एक नया प्रवेशक है और बोली की शर्त के अनुसार उसे नीलामी में स्पेक्ट्रम जीतने पर निर्दिष्ट लाइसेंस सेवा क्षेत्रों में एक्सेस सेवा के प्राधिकरण के साथ एकीकृत लाइसेंस प्राप्त करना होगा।
31 मार्च तक कैश की तंगी से जूझ रही वोडाफोन आइडिया की नेटवर्थ निगेटिव 80,918 करोड़ रुपये थी। रिलायंस जियो इंफोकॉम और भारती एयरटेल की नेटवर्थ 31 मार्च को क्रमश: 1.97 लाख करोड़ रुपये और 75,886.8 करोड़ रुपये थी।
बोली लगाने वालों की अंतिम सूची 20 जुलाई को घोषित की जाएगी। महत्वपूर्ण 3.5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड और मिलीमीटर वेव बैंड सहित कई बैंडों में एयरवेव के लिए बोली लगाई जाएगी, जिसका उपयोग 5 जी सेवाओं के लिए किया जाता है।