गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व के तीन वर्ष 12 दिसंबर 2025 को पूर्ण हो रहे हैं। 156 सीटों के ऐतिहासिक जनादेश के साथ राज्य के 18वें मुख्यमंत्री बने पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गुजरात की विकास यात्रा को नई गति दी है। सुशासन, सेवा और समर्पण को आधार बनाकर राज्य सरकार ने बीते तीन वर्षों में बहुविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की हैं।

इन तीन वर्षों में गुजरात ने कई महत्वपूर्ण नीतियाँ लागू कीं, जिन्होंने राज्य को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती से स्थापित किया। जी-20 बैठकों से लेकर 10वीं वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट तक, राज्य ने वैश्विक आयोजनों में अपनी उत्कृष्ट संगठन क्षमता का परिचय दिया। पहली बार चार अंचलों- उत्तर गुजरात, दक्षिण गुजरात, मध्य गुजरात और कच्छ-सौराष्ट्र- में वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंसेज़ आयोजित कर क्षेत्रीय क्षमताओं को वैश्विक मंच से जोड़ा गया है।

वर्ष 2025 में एयर इंडिया विमान दुर्घटना के दौरान मुख्यमंत्री ने त्वरित निर्णय और प्रभावी समन्वय का प्रदर्शन किया। उनकी संवेदनशील प्रशासनिक शैली ने संकट प्रबंधन में गुजरात को एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित किया। इसी वर्ष को ‘शहरी विकास वर्ष’ घोषित कर राज्य सरकार ने आधुनिक, हरित और टेक्नोलॉजी-आधारित शहरों के निर्माण की दिशा में बड़े कदम बढ़ाए।

कृषि क्षेत्र में भी अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। किसान सूर्योदय योजना के तहत राज्य के 16,899 गाँवों को नियमित दिन में बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। भारी वर्षा और बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए 947 करोड़ और 10,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज घोषित किए गए। इसके अलावा 15,000 करोड़ रुपए के कृषि उत्पाद समर्थन मूल्य पर खरीद निर्णय से 10 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा। पिछले तीन वर्षों में 33 लाख किसानों को शून्य ब्याज दर वाले फसल ऋण पर 3030 करोड़ रुपए की सहायता दी गई।

महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ‘नारी गौरव नीति-2024’, 1 लाख करोड़ से अधिक जेंडर बजट और लखपति दीदी की बढ़ी संख्या जैसे कदमों ने गुजरात को अग्रणी बनाया। मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना और ‘जी-सफल’ जैसी योजनाओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रोत्साहित किया।

स्वास्थ्य क्षेत्र में पीएमजेएवाई-मा योजना की सहायता राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई। 1.15 करोड़ स्कूली बच्चों को डिजिटल हेल्थ कार्ड दिए गए। मातृ और शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई। ट्राइबल जीनोम सीक्वेंसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च कर गुजरात देश का प्रथम राज्य बना। शिक्षा में मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के तहत 13,353 क्लासरूम, 1,09,000 स्मार्ट क्लासरूम और 21,000 कंप्यूटर लैब स्थापित किए गए। एआई-आधारित अर्ली वॉर्निंग सिस्टम से ड्रॉपआउट दर कम करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया।

खेलों में गुजरात ने 2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी का गौरव प्राप्त किया। 22 जिलों में 24 जिला खेल परिसर कार्यरत हैं। स्टार्टअप्स के लिए एसएसआईपी 2.0 के तहत 600 स्टार्टअप्स को इनक्यूबेशन और 402 को फंडिंग सहायता मिली। इन तीन वर्षों में गुजरात ने सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, उद्योग, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और डिजिटल गवर्नेंस में नई ऊँचाइयों को छूते हुए ‘विकसित गुजरात@2047’ के लक्ष्य की ओर मजबूत कदम बढ़ाए हैं।