पंजाब की धरती एक ऐतिहासिक घड़ी की तैयारी में जुटी है। पंजाब सरकार गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व पर मान सरकार ऐसा आयोजन करने जा रही है। यह ना सिर्फ सिख इतिहास को फिर से जीवित करेगा बल्कि पूरे देश-दुनिया को एकता, बलिदान और इंसानियत का संदेश देगा।

पंजाब सरकार के बयान के अनुसार, मान सरकार की सोच सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, वह काम करके दिखा रही है। श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले समागमों में 1 करोड़ से ज्यादा संगत के पहुंचने की उम्मीद है। इसके लिए जितनी बारीकी से और जितनी श्रद्धा से तैयारियां हो रही हैं, वो आज तक किसी सरकार ने नहीं कीं। ये सिर्फ समागम नहीं, बल्कि पंजाब की आत्मा को श्रद्धांजलि है।

देश – विदेश के करोड़ों लोगों का भावनात्मक जुड़ाव पैदा होगा

बयान में कहा गया है कि इस बार का आयोजन न सिर्फ अभूतपूर्व पैमाने पर हो रहा है, बल्कि इसने देश-विदेश के करोड़ों लोगों का भावनात्मक जुड़ाव भी पैदा कर दिया है। श्री आनंदपुर साहिब में होने वाले तीन दिवसीय ऐतिहासिक समागम में 1 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, मलेशिया से हज़ारों NRI संगत इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। ये सिर्फ श्रद्धा नहीं, ये पंजाब की सांस्कृतिक शक्ति का वैश्विक प्रदर्शन है।

मशाल-ए-शहादत यात्रा की अगुवाई करेंगे भगवंत मान

मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद 19 नवम्बर को श्रीनगर से शुरू होने वाली चार दिवसीय मशाल-ए-शहादत यात्रा की अगुवाई करेंगे। इसके साथ ही माझा, दोआबा और मालवा से भी गुरू नगरी तक ऐतिहासिक यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं में पंज प्यारे, पंज निशान, कीर्तन जत्थे, गतका, कश्मीरी प्रतिनिधि और पुस्तक प्रदर्शनी शामिल होंगे।

यह आयोजन गुरू साहिब की विरासत को एक नई पीढ़ी तक पहुंचाने का जीवंत माध्यम बनेगा। 23 नवम्बर से शुरू हो रहे मुख्य समागमों में हर दिन कुछ विशेष होगा। श्री अखंड पाठ साहिब की शुरुआत, डिजिटल प्रदर्शनी, सर्वधर्म सम्मेलन, हेरिटेज वॉक, कविशरी-ढ़ाढ़ी दरबार, लाइट एंड साउंड शो, ड्रोन शो, पौधारोपण, रक्तदान शिविर, और सरबत दा भला एकजुटता समारोह।

क्या – क्या व्यवस्थाएं होंगी?

पंजाब सरकार NRI संगत के लिए विशेष टेंट सिटी, अनुवाद सेवाएं, ई-रिक्शा व्यवस्था और विरासत स्थलों तक गाइडेड टूर जैसी व्यवस्थाएं करेंगी। राज्य सरकार इस आयोजन को ग्लोबल लेवल का बनाने की कोशिश कर रही है। यही कारण है कि कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका की प्रमुख गुरुद्वारा कमेटियों ने भी इस आयोजन को ग्लोबल सिख युनिटी मूवमेंट की संज्ञा दी है।