प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक जीवन में कई ऐसी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए गए जिन्हें पहली बार लागू किया गया। गुजरात के मुख्यमंत्री (2001–2014) और प्रधानमंत्री (2014–वर्तमान) के रूप में उनके कार्यकाल को “पहलों की विरासत” कहा जा रहा है। इसमें आर्थिक सुधारों से लेकर सामाजिक कल्याण, विदेश नीति, रक्षा और पर्यावरण तक कई क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

आर्थिक और सामाजिक क्षेत्र की पहलें

आर्थिक मोर्चे पर मोदी ने गुजरात में वाइब्रेंट गुजरात समिट और ज्योतिग्राम योजना शुरू की। राष्ट्रीय स्तर पर मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और जीएसटी जैसे कदम उठाए गए। इन पहलों का उद्देश्य निवेश बढ़ाना और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना रहा। सामाजिक योजनाओं में कन्या शिक्षा अभियान, चिरंजीवी योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत और हर घर जल जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। इनका मकसद शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को आम लोगों तक पहुंचाना था।

विदेश नीति और सुरक्षा में बदलाव

विदेश नीति के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, इंटरनेशनल सोलर अलायंस और जी-20 की मेजबानी को प्रमुख उपलब्धियों में गिना जाता है। इसके अलावा पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद सुलझाने और क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।

रक्षा और सुरक्षा के मोर्चे पर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे कदम चर्चा में रहे। वन रैंक वन पेंशन योजना को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। पर्यावरण और ऊर्जा क्षेत्र में गुजरात में जलवायु परिवर्तन विभाग की स्थापना और बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा परियोजनाएं उल्लेखनीय रही हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इन पहलों ने भारत की नीतियों और वैश्विक छवि पर गहरा असर डाला है।