देश के हृदय स्थल मध्यप्रदेश ने पिछले दो दशक में निरंतर विकास की नई गाथा लिखी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कुशल नेतृत्व में प्रदेश न सिर्फ बीमारू राज्य का तमगा हटाकर विकसित राज्यों की श्रेणी में शामिल हुआ है बल्कि कई क्षेत्रों में देश के अन्य राज्यों को दिशा भी दिखा रहा है। विगत 20 वर्षों में राज्य सरकार की स्पष्ट नीतियों, प्रभावी निर्णयों और जनभागीदारी के समन्वित प्रयासों से आज मध्यप्रदेश विकसित प्रदेशों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। सड़क, बिजली, सिंचाई, पेयजल, कृषि, उद्योग और अधो-संरचना के मजबूत विकास के साथ मध्यप्रदेश गरीब कल्याण और कई सामाजिक क्रांतियों का केन्द्र बन गया है। मध्यप्रदेश एक तरफ पूरे देश को स्वच्छता का पाठ पढ़ा रहा है वहीँ प्रकृति के संरक्षण, संवर्धन का संदेश भी दे रहा है। चीता स्टेट से लेकर लगातार टाइगर स्टेट का ताज भी मध्यप्रदेश के पास है। महिला सशक्तिकरण का नया सूर्योदय भी मध्यप्रदेश में हुआ है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना से महिलाओं को उनके हक का सम्मान मिल रहा है तो वहीं लाड़ली लक्ष्मी योजना ने बेटियों का भविष्य सुरक्षित कर उन्हें लखपति बनाया है। राज्य सरकार ने कानून व्यवस्था को मजबूत कर हर तरह के माफिया, गुंडों, नक्सल और आंतकी संगठनों को सफाया कर प्रदेश को शांति का टापू बनाया है तो वहीं धार्मिक एवं सांस्कृतिक अभ्युदय के नए केन्द्र के रूप में भी मध्यप्रदेश उभर रहा है। राज्य सरकार के निरंतर प्रयासों और जनभागीदारी से एक नए और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण हो रहा है।
एमपी की आर्थिक स्थिति
देश के विकास में भी मध्यप्रदेश अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। देश की जीडीपी में राज्य का योगदान 3.6% से बढ़कर अब 4.8% हो गया है। प्रदेश की विकास दर 2022-23 में प्रचलित दरों पर 16.43 % रही है। प्रदेश के विकास कार्यों में धन का अभाव बाधा न बने इसलिए राज्य सरकार ने 2023-24 के लिए प्रदेश का बजट बढ़ाकर 3 लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपए कर दिया है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी लगातार बढ़ी है। 2003 तक राज्य की प्रति व्यक्ति आय 11 हजार 718 थी जो अब बढ़कर 1 लाख 40 हजार 583 रुपये हो गई है। राज्य सरकार की गरीब कल्याण की नीतियों का नतीजा है कि आज प्रदेश के 1 करोड़ 36 लाख लोग गरीबी रेखा से मुक्त हुए हैं। गरीबी में कमी वाले देश के टॉप थ्री राज्यों में मध्यप्रदेश शामिल हुआ है।
सड़कों का तेज विकास
मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों से राज्य में आज हर तरफ शानदार सड़कों का जाल बिछा है। साल 2001-02 में सड़कों की लंबाई मात्र 60 हजार किमी के लगभग थी जो आज बढ़कर 5 लाख किमी से अधिक हो गई है। प्रदेश में अटल प्रगति पथ, नर्मदा प्रगति पथ और विंध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए कार्यवाही प्रारंभ है। भोपाल और इंदौर जैसे शहरों में मेट्रो ट्रेन के संचालन के लिए निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। रेल परियोजनाओं का विस्तार के साथ नए एयरपोर्ट के निर्माण हो रहे हैं जिससे मध्यप्रदेश के विकास को नई गति मिलेगी।
बिजली के क्षेत्र में क्रांति
विद्युत उत्पादन की क्षमता के मामले में मध्यप्रदेश सरप्लस स्टेट बन गया है। बिजली क्षमता 28 हजार मेगावाट से अधिक हो गई है, जिससे घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे और किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे से अधिक बिजली मिलना संभव हो बन पाया है। सौर ऊर्जा एवं नवकरणीय ऊर्जा की दिशा में भी प्रदेश ने मिसाल कायम की है। रायसेन जिले का सांची देश की पहली सोलर सिटी के रूप में विकसित हुआ है। सिंचाई क्षमता बढ़कर 47 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गई है जिससे हर खेत तक पर्याप्त पानी पहुंचना अब संभव हो पाया है। प्रदेश के गांव-गांव तक घरों में नल से पीने का शुद्ध जल पहुंचने से लाखों महिलाओं का जीवन आसान हुआ है।
मध्यप्रदेश में जनजातियों को उनके अधिकारों दिलाने और उनकी संस्कृति एवं गौरव को सम्मान दिलाने के लिए पेसा नियम लागू किए गए हैं। जनजातियों के कल्याण के लिए राज्य सरकार अनकों योजनाओं का सफल संचालन कर रही है। जनजातीय नायकों को सम्मान दिलाने राज्य सरकार के प्रयासों से ही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत केन्द्र सरकार द्वारा की गई है।
महिलाओं के लिए कई योजनाएं
मध्यप्रदेश ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में नई क्रांति की है। मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत प्रदेश की 1.25 करोड़ बहनों को हर महीने 1000 रुपए मिल रहे हैं। अक्टूबर महीने से यह राशि 1250 मिलने लगेगी। बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना का संचालन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है जिसमें 46 लाख से अधिक बेटियां लखपति बनी हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में 82 लाख महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिलाने और प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना में 44 लाख माताओं को सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित किया गया है। सरकारी पदों पर भर्ती और स्थानीय चुनावों में महिलाओं को आरक्षण देकर राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
किसानों का रखा ध्यान
लगातार 7 बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त कर चुका मध्यप्रदेश किसान कल्याण की दिशा में अभूतपूर्व कार्य कर रहा है। किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए पिछले 3 सालों में विभिन्न योजनाओं के तहत 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपए के हितलाभ किसानों के खाते में अंतरित किए गए हैं। किसानों के सिर से ब्याज की गठरी उतारने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना शुरू कर 11 लाख से अधिक डिफॉल्टर किसानों का 2 हजार 123 करोड़ रुपए का ब्याज माफ किया है। प्रदेश के किसानों को आर्थिक प्रोत्साहन देने के लिए प्रधानमंत्री सम्मान निधि में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 6 हजार रुपए मिलाकर किसानों को 12 हजार रुपए की सालाना मदद मिल रही है। प्रदेश में उद्योगों का बड़ा जाल बिछाया गया है। प्रदेश की औद्योगिक विकास दर बढ़कर 24 प्रतिशत हो गयी है। पहले प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्रों की संख्या मात्र 23 थी जो अब बढ़कर 112 हो गई है। प्रदेश में जनवरी 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 1542550 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिससे 29 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे। प्रदेश में नई स्टार्टअप नीति लागू की गई जिससे 3500 से अधिक स्टार्टअप एवं 80 से अधिक इनक्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किये गए हैं।
प्रदेश के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण निशुल्क शिक्षा सुनिश्चि करने के लिए प्रदेश के हर 15 किमी पर सर्वसुविधायुक्त सीएम राइज स्कूल खोले जा रहे हैं। 3 सालों में 49 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती से बेहतर शिक्षा की दिशा में प्रयास किया गया है। विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने मुफ्त साईकिल , लैपटॉप और स्कूटी वितरण किया जा रहा है। प्रतिभावान विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा का खर्च राज्य सरकार द्वारा उठाया जा रहा है। युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में मध्यप्रदेश ने अनूठी पहल करते हुए लर्न एंड अर्न की तर्ज पर मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना शुरु की है जिसमें युवाओं की भागीदारी तेजी के साथ हो रही है। यही नहीं हर महीने 3 लाख युवाओं को स्वरोजगार के लिए लोन वितरित किए जा रहे हैं।
गरीब को ध्यान में रखकर होता विकास
प्रदेश में हर वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में हर गरीब को राशन, आवास, स्वास्थ्य और रोजगार की चिंता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की है। केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं जैसे – प्रधानमंत्री आवास योजना, जल जीवन मिशन, आयुष्मान योजना, गरीब कल्याण अन्न योजना, मातृत्व वंदना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि जैसी अनेकों योजनाओं का लाभ प्रदेश के हर पात्र व्यक्ति को दिलाने के लिए राज्य सरकार ने तत्परता दिखाई है। पिछले दो दशक में मध्यप्रदेश का परिदृश्य मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पूरी तरह से बदल गया है। आधारभूत अवसंरचना से लेकर विकास के तमाम सूचकांकों में मध्यप्रदेश की उपलब्धियाँ गर्व कराने वाली हैं।