इंडियन प्रीमियर लीग के दसवें संस्‍करण का बुधवार (5 मार्च, 2017) को हैदराबाद में रंगारंग आगाज हुआ। नीला सूट पहने रवि शास्‍त्री ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा शुरू की गई इस क्रिकेट लीग का इतिहास दोहराया। जिसके बाद भारतीय क्रिकेट के दिग्‍गज पूर्व खिलाड़‍ियों का सम्‍मान हुआ। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीवीएस लक्ष्‍मण, वीरेंदर सहवाग के सम्‍मान के बाद बारी आई अभिनेत्री एमी जैक्‍सन की डांस परफॉर्मेंस की। यानी सिर्फ 15 मिनट में ही आईपीएल-10 का उद्घाटन समारोह खत्‍म हो गया। पिछले 9 संस्‍करणों का रिकॉर्ड देखें तो इतने कम समय में कोई भी ओपनिंग सेरेमनी नहीं हुई थी। आखिर ऐसा क्‍यों हुआ? क्‍या पूर्व सीएजी विनोद राय, जो कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बीसीसीआई के प्रशासक नियुक्‍त किए गए थे, ने आईपीएल के खर्चों पर लगाम लगाई है? राय खुद भी ओपनिंग सेरमेनी में मौजूद थे और उन्‍होंने लक्ष्‍मण को मोमेंटो देकर सम्‍मानित किया। पिछले सभी सीजन में टूर्नामेंट की पारदर्शिता और ईमानदारी को लेकर सवाल उठते रहे हैं, इसलिए इस बार बोर्ड ने आईपीएल के उद्घाटन समारोह के लिए बाकायदा गाइडलाइंस जारी की थीं।

बोर्ड ने 19 पन्‍नों के अपने ‘प्रस्ताव के आग्रह’ (आरएफपी) में कहा था कि समारोह में हिस्‍सा लेने की इच्छुक कंपनियां ऐसी होनी चाहिए जिनका सालाना टर्नओवर 30 करोड़ रुपये हो और वह 35 प्रतिशत राशि की बैंक गारंटी देने को तैयार हों और साथ ही उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं हो। सुप्रीम कोर्ट ने इसी साल 30 जनवरी को विनोद राय को बीसीसीआई का प्रशासनिक प्रमुख बनाया था। दरअसल, पूरा मामला बोर्ड में वित्‍तीय अनियमितताओं को दूर करने की कवायद का है। खेल को राजनीति से अलग रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने को कहा था। जब बोर्ड ने ढिलाई बरती तो अदालत ने खुद ही कमान अपने हाथ में ले ली। 18 जुलाई, 2016 के फैसले में न्यायालय ने स्पष्ट रूप से मंत्रियों और सरकारी कर्मचारियों को बीसीसीआई में कोई भी पद लेने से वंचित कर दिया था।

राय ने काम संभालते ही साफ कर दिया था कि वे ‘नाइटवॉचमैन’ की भूमिका में होंगे। उन्‍होंने कहा था कि ‘खेल को अच्छे प्रशासन की जरूरत है। खिलाड़ियों को इसकी जरूरत है और विशेषकर उन लोगों को इसकी जरूरत है जो इस खेल के दीवाने हैं।’ सिर्फ 15 मिनट की ओपनिंग सेरेमनी तो इसी तरफ इशारा कर रही है कि ‘नाइटवॉचमैन’ ने अपना काम बखूबी किया है और बोर्ड की कई प्रशासनिक खामियों को दूर करने में सफलता पाई है। अगले डेढ़ महीनों में देखने वाली बात यह होगी कि जिस तड़क-भड़क और ग्‍लैमर के लिए आईपीएल मशहूर है, उसमें इस बार कितना बदलाव आता है।