सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट प्रशांत भूषण के यूपी पुलिस के एंटी-रोमियो स्क्वैड पर जारी बहस के दौरान भगवान कृष्ण पर अयाचित टिप्पणी कर बैठे तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोग उन पर हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा रहे हैं। प्रशांत भूषण ने स्पष्टीकरण दिया है कि वो धार्मिक नहीं हैं लकेिन उनकी मां थी और वो भगवान कृष्ण के किस्से सुनकर बड़े हुए हैं और उनके घर में राधा-कृष्ण की तस्वीर लगी है। किसी भी धर्म से जुड़े प्रमुख देवी-देवताओं या महापुरुषों पर की गई ऐसी टिप्पणियों पर उस धर्म के मानने वालों का भड़कना एक हद तक वाजिब है लेकिन इसके साथ ये भी सच है कि विभिन्न धर्मों से जुड़ा महापुुरुषों को अगर आज के नियम-कानून के नजरिए से देखा जाए तो वो कठघरे में खड़े दिखेंगे।
चाहे वो इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब का नाबालिग लड़की से विवाह का मामला हो या भगवान कृष्ण की रासलीला का मामला, इन्हें आधुनिक कानून की नजर से देखना विवाद पैदा करने के लिए काफी है। कई लोगों ने तर्क दिया है कि भगवान कृष्ण ने स्नान करती गोपियों के वस्त्र चुराने या पानी भरती जाती गोपियों की मटकी फोड़ने इत्यादि लीलाएं बचपन में की थीं। इस बहस से अलग अगर हम ये देखें कि क्या कोई बालिग व्यक्ति कृष्ण लीला की आज नकल करता है तो वर्तमान भारतीय कानून की नजर में क्या वो अपराधी होगा?
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 509 के तहत “शब्द, संकेत या किसी कृत्य से किसी महिला की मर्यादा को ठेस पहुंचाने का प्रयास” का दोष सिद्ध हो जाने पर एक साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इस कानून के तहत ऐसा कोई शब्द, संकेत या इशारे या ध्वनि, किसी चीज का इस तरह प्रदर्शन करना जिससे किसी महिला की निजता भंग करना अपराध है। भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत सार्वजनिक स्थल पर किसी तरह की अश्लील हरकत करने पर तीन महीने तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
आईपीसी की धारा 354-बी किसी महिला को आपराधिक इरादे से जबरदस्ती कपड़े उतारना या ऐसा करने पर मजबूर करने के लिए तीन साल से सात तक की जेल हो सकती है। आईपीसी की धारा 354-सी के तहत किसी महिला को उसके निजता के क्षणों में, जहां वो किसी द्वारा देखे जाने की उम्मीद नहीं रखती, कोई अवांछित व्यक्ति देखता है या उसकी तस्वीर उतारने की कोशिश करता है या किसी अन्य व्यक्ति के कहने पर ऐसा करता है तो उसे एक साल से तीन साल तक जेल की सजा हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति दोबारा ऐसा करने का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन साल से सात साल तक की जेल हो सकती है। जेल के अलावा ऐसे दोषी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
आईपीसी की धारा 354-डी के तहत किसी महिला का पीछा करना, साफ-साफ मना करने के बावजूद उससे संपर्क करने की कोशिश करना, उसके ईमेल, या मैसेज करना इत्यादि का दोषी पाए जाने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है। यहां ये बताना भी जरूरी है कि बालिगों पर लागू होने वाला कानून 18 साल या उससे कम उम्र के नागरिकों पर नहीं लागू होता। नाबालिगों के मामलों पर बाल एवं किशोर कानून के तहत विचार किया जाता है।