टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन एक बेहद दुखद खबर है, जिसने हर भारतीय को उदास कर दिया है। रतन टाटा एक बेहद सफल बिजनेस टायकून होने के अलावा एक दूरदर्शी व्यक्ति भी थे, जो उनके द्वारा किए गए कार्यों से साफ झलकता भी है। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को न सिर्फ विश्व पटल पर बढ़ाया बल्कि कई नई कंपनियों को भी टाटा ग्रुप का हिस्सा बनाया था। रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के जिन व्यवसायों को आसमान की बुलंदियों पर पहुंचाया उनमें से एक टाटा मोटर्स भी है। इस आर्टिकल में जान लीजिए टाटा मोटर्स द्वारा पिछले कुछ वर्षों में बनाई गई उन सात कारों की डिटेल जिन्होंने भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नई क्रांति को जन्म दिया।
टाटा एस्टेट

जब बहुत कम लोग जानते थे कि स्टेशन वैगन क्या होता है, तब टाटा ने 1992 में टाटा एस्टेट को पेश किया था। टाटा टेल्को लाइन पिकअप ट्रक पर आधारित, एस्टेट में कई ऐसी विशेषताएं थीं जो अपने समय से बहुत आगे थीं, जैसे टैकोमीटर और पावर विंडो। टाटा एस्टेट का डिज़ाइन मर्सिडीज-बेंज स्टेशन वैगन डिजाइन पर आधारित था और इसमें प्यूज़ो-सोर्स्ड 1.9-लीटर डीजल इंजन लगा था।
टाटा सिएरा

टाटा सिएरा को किसी परिचय की जरूरत नहीं है, खासकर ऑफ-रोड कम्युनिटी में। यह व्हीकल निस्संदेह अपने समय से बहुत आगे था और आज भी ऐसा ही दिखता है। 1991 में लॉन्च की गई टाटा सिएरा भी टाटा टेल्कोलाइन पिकअप पर आधारित थी और इसे RWD या 4WD के रूप में बेचा गया था, जिसमें सेल्फ-लॉकिंग रियर डिफरेंशियल और मैनुअल लॉकिंग फ्रंट हब थे। सिएरा का तीन-दरवाज़ा डिज़ाइन सबसे अलग था और SUV में 2.0-लीटर डीजल इंजन था जो 63bhp बनाता था।
टाटा इंडिका

फिर से एक ऐसी कार जिसे किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है। इंडिका डीजल इंजन वाली पहली हैचबैक थी और यह भारत की पहली स्वदेशी रूप से विकसित पैसेंजर कारों में से एक थी। 1998 में लॉन्च की गई इंडिका के कई एडिशन आए और यह प्लेटफ़ॉर्म आज भी आधुनिक टाटा व्हीकल्स का बेस है। इसके अनावरण के एक सप्ताह के भीतर, टाटा को इंडिका के लिए 11,000 से अधिक ऑर्डर मिले और यह जल्दी ही इस सेगमेंट में सबसे ज्यादा बिकने वाली कार बन गई। 2018 में प्रोडक्शन बंद होने तक इंडिका के कई संस्करण आए, जिससे टाटा बोल्ट और मौजूदा टियागो का रास्ता खुला।
टाटा मांजा

इंडिका प्लैटफ़ॉर्म ने इंडिगो को जन्म दिया, जिसके बाद 2009 में मांजा आई। टाटा एक्स1 प्लैटफ़ॉर्म पर आधारित मांजा को एक लग्जरी सेडान के रूप में बेचा गया, जिसमें एसआरएस एयरबैग, ईबीडी के साथ एबीएस, डैश-इंटीग्रेटेड ऑडियो सिस्टम, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, लेदर अपहोल्स्ट्री, डायमंड-कट एलॉय-व्हील और 500-लीटर ट्रंक शामिल हैं। मांजा का एक लग्जरी वर्शन भी आया, जिसे एलान कहा गया, जिसमें इटालियन लेदर अपहोल्स्ट्री और रिवर्स पार्किंग सेंसर शामिल थे। उस दौर की ज़्यादातर टाटा कारों की तरह, यह अपने समय से आगे थी और इसका प्रोडक्शन 2016 में खत्म हो गया।
टाटा नैनो

टाटा नैनो रतन टाटा की एक महत्वाकांक्षी परियोजना थी जिसका उद्देश्य हर भारतीय को अपनी कार रखने की अनुमति देना था। 2008 में लॉन्च की गई और 2018 तक प्रोडक्शन में रही, कंपनी की अपेक्षाओं और कड़े सेफ्टी नॉर्म्स को पूरा करने में विफल रहने के बाद इस परियोजना को बंद कर दिया गया। बिक्री का प्रदर्शन चाहे जैसा भी रहा हो, टाटा ने साबित कर दिया कि इस पैमाने पर कुछ किया जा सकता है। नैनो अब नहीं रही, लेकिन यह रतन टाटा की निजी परियोजनाओं में से एक रही है जिसे उन्होंने किसी सपने की तरह संजोया था।
टाटा सफारी

हालांकि सफारी नाम का बैज एक मॉर्डन एसयूवी में मिलता है लेकिन इसके रूट उस समय के अच्छे हाईवे डिसीप्लेन और अब तक के कुछ बेहतरीन टीवी विज्ञापनों के साथ एक हार्डकोर ऑफ-रोडर से जुड़े हैं। 1998 में लॉन्च की गई सफारी को दूसरे देशों में भी निर्यात किया गया था और इन वर्षों में इसके कई संस्करण आए, जिसमें 135 पीएस पेट्रोल यूनिट भी शामिल है। डीजल रेंज में इंजन 2.1-लीटर यूनिट से बढ़कर 3.0-लीटर मिल हो गया, इससे पहले कि 2019 में एसयूवी का प्रोडक्शन बंद हो जाए, जिसके बाद हैरियर और नई पीढ़ी की सफारी को जगह मिली।
टाटा नेक्सन

इंडिका से जुड़ी आधुनिक टाटा कारों में से एक नेक्सन है, लेकिन नेक्सन का वह संस्करण जिसने अपनी छाप छोड़ी, वह इलेक्ट्रिक संस्करण है। ऑटो उद्योग के ई.वी. की ओर बढ़ने के साथ, टाटा ने अवसर का लाभ उठाया और नेक्सन ई.वी. लेकर आया, जो वर्तमान में भारत में सबसे अधिक बिकने वाला इलेक्ट्रिक पैसेंजर व्हीकल है।