भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए तमाम वाहन निर्माताओं द्वारा अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को लॉन्च किया जा रहा है, जिसमें टू व्हीलर से लेकर फोर व्हीलर तक शामिल हैं। इस ट्रेंड को देखते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आने वाले वर्षों में ईवी सेक्टर के तेजी से बढ़ रहे ईवी सेक्टर को देखते हुए 2030 तक देशभर में 1 करोड़ से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल होने की संभावना जताई है।

EV Expo 2023 के दौरान नितिन गडकरी ने जताई संभावना

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में आयोजित हुए 19वें ईवी एक्सपो 2023 (EV Expo 2023) में शिरकत की थी, जहां उन्होंने संबोधन के दौरान भारत में ईवी सेक्टर की ग्रोथ देखते हुए भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार रखे।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “हम परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने के लिए एक मिशन मोड पर काम कर रहे हैं और सरकार आयात विकल्प, लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी ईंधन को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ईवी एक्सपो 2023 को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, ईवी सहित कम उत्सर्जन वाला परिवहन देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा।”

नितिन गडकरी का मानना है कि प्रति किलोमीटर परिचालन लागत कम होने के कारण इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री के लिए किसी भी ” आर्टिफिशियल” पुश की जरूरत नहीं है। अधिग्रहण की ऊंची लागत इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में एक बड़ी बाधा पैदा कर रही है। “समय के साथ, लिथियम बैटरी की कीमत 100 डॉलर प्रति किलोवाट तक आ जाएगी। तब इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर होगी”

नितिन गडकरी ने आगे कहा “अनुमान है कि 2030 तक ईवी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भारत में लगभग 20 लाख करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है। यह ओईएम, एलिमेंट निर्माताओं, बैटरी निर्माताओं और चार्ज पॉइंट ऑपरेटरों के लिए एक बड़ा अवसर है और भारत में दुनिया में नंबर एक इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता बनने की क्षमता है”

ऑटोमोटिव सेक्टर में तेजी से बढ़ रही है ईवी सेगमेंट की हिस्सेदारी

कैलेंडर वर्ष 2023, अप्रैल-नवंबर में, भारत की कुल इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री साल दर साल लगभग 50% बढ़कर 13,87,114 इकाई हो गई। इस बिक्री में दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी लगभग 56% थी जबकि तिपहिया वाहनों की बिक्री लगभग 38% थी।