हाल के कुछ वर्षों में ऑटोमोटिव सेक्टर में अभूतपूर्व हुई है जिसमें टेक्नोलॉजी से लेकर सेफ्टी तक कई बड़े पहलू सामने आए हैं जिसने ड्राइविंग को पहले से ज्यादा सुरक्षित और आसान बना दिया है जिसमें से एक है ड्राइवरलेस कार कॉन्सेप्ट जिसे हाल ही में इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला ने सच कर दिखाया है। टेस्ला के बाद और कई वाहन निर्माता इस कॉन्सेप्ट को धरती पर उतारने का काम कर रहे हैं।

विदेशों में ड्राइवरलेस कार बेशक चलन में आ गई है लेकिन भारतीय मार्केट के मामले में यह दूर की कौड़ी नजर आती है क्योंकि भारत सरकार ड्राइवर लैस कारों के संबंध में अनुकूल राय नहीं रखती है और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी की भी यही राय है।

भारत में ड्राइवरलेस कार नहीं

आईआईएम नागपुर द्वारा आयोजित जीरो माइल संवाद के मौके पर बोलते हुए, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (MoRTH) नितिन गडकरी ने कहा, “मैं कभी भी ड्राइवर रहित कारों को भारत में आने की अनुमति नहीं दूंगा क्योंकि इससे कई ड्राइवरों की नौकरियां छीन जाएंगी और मैं ऐसा नहीं होने दूंगा।” गडकरी का अनुमान है कि अगर देश में ड्राइवरलेस कारें आ गईं तो करीब 70-80 लाख लोगों की नौकरी चली जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि ऑटो ड्राइवरलेस कारें छोटी आबादी वाले देशों के लिए सबसे उपयुक्त हैं।

यह पहली बार नहीं है जब गडकरी ने ऑटोनोमस ड्राइवर लेस व्हीकल्स पर अपनी राय व्यक्त की है। जुलाई 2017 में, केंद्रीय मंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया था कि सरकार कभी भी ड्राइवर रहित कारों को भारत में आने की अनुमति नहीं देगी।

सड़क सुरक्षा चिंताओं पर प्रकाश डालते हुए, गडकरी ने स्टैंडर्ड के रूप में छह एयरबैग सहित कारों में बेहतर सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता को रेखांकित किया। सरकार इलेक्ट्रिक मोटर्स एक्ट के जरिए सड़कों पर ब्लैक स्पॉट कम करने और जुर्माना बढ़ाकर सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने की भी कोशिश कर रही है।

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टेस्ला की भारत में एंट्री

टेस्ला के भारत में प्रवेश के बारे में पूछे जाने पर, गडकरी ने अपने विचार स्पष्ट कर दिए कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) निर्माता का भारत में कारोबार शुरू करने के लिए स्वागत है, जब तक कि चीन से आयात भारतीय बाजार में प्रवेश नहीं करता है, चीन में बने वाहनों को भारत में बेचने की कोशिश भारत सरकार को बिल्कुल अस्वीकार्य है। हम टेस्ला को भारत आने की अनुमति देंगे लेकिन वे चीन में निर्माण नहीं कर सकते और इसे भारत में नहीं बेच सकते। ऐसा होना असंभव बात है”

सड़क सुरक्षा और चालक रहित वाहनों के अलावा, गडकरी ने भविष्य की गतिशीलता के लिए ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के महत्व और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए एडवांस तकनीक को अपनाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा, “हाइड्रोजन भविष्य का ईंधन है और हम सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बढ़ाने में मदद के लिए सर्वोत्तम तकनीक लाने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

(एजेंसियों से इनपुट के साथ)