नवरात्र की शुभ शुरुआत और जीएसटी दरों में बड़ी कटौती ने देश की यात्री कार कंपनियों को जबरदस्त राहत दी है। सोमवार को त्योहारों के मौसम की शुरुआत के साथ ही कारों की बिक्री में रिकॉर्ड स्तर देखने को मिला। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने केवल एक दिन में 80,000 पूछताछ (Enquiries) दर्ज की और करीब 30,000 गाड़ियों की डिलीवरी की है, जो कंपनी के 35 वर्षों में सबसे बढ़िया प्रदर्शन है। वहीं, हुंडई मोटर इंडिया अपना ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए एक ही दिन में 11,000 गाड़ियों की थोक बिक्री (Wholesales) दर्ज की, जो पिछले पांच साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
सोमवार को श्राद्ध पक्ष की समाप्ति और नवरात्र की शुरुआत के साथ ही छोटे वाहनों और एसयूवी पर जीएसटी दर 28% से घटाकर 18% लागू की गई। इसका सीधा फायदा ग्राहकों को मिला और कंपनियों ने भी पूरी छूट उपभोक्ताओं तक पहुंचाने की घोषणा की है।
मारुति सुजुकी के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (मार्केटिंग एंड सेल्स) पार्थो बनर्जी ने कहा, “ग्राहकों की प्रतिक्रिया शानदार रही है। हमने 35 सालों में ऐसा उत्साह नहीं देखा। पहले ही दिन 25,000 से अधिक गाड़ियों की डिलीवरी हो चुकी है और यह आंकड़ा जल्द ही 30,000 तक पहुंच जाएगा।”
हुंडई मोटर इंडिया के सीओओ तरुण गर्ग ने भी उत्साह जताते हुए कहा, “जीएसटी 2.0 सुधार और नवरात्र की शुरुआत ने बाजार में जबरदस्त सकारात्मकता पैदा की है। केवल पहले दिन ही हमने 11,000 डीलर बिलिंग दर्ज की, जो पांच साल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।”
भारी कीमतों में कटौती
मारुति सुजुकी ने अपने पूरे लाइनअप में कीमतें घटाई हैं, जिससे एस-प्रेसो अब कंपनी की सबसे किफायती कार बन गई है। इसकी कीमत लगभग 1.29 लाख रुपये तक कम हुई है।
महिंद्रा बोलेरो और बोलेरो नियो की कीमतों में 2.56 लाख रुपये तक की कटौती की गई है।
टाटा पंच और किआ सायरॉस की कीमतों में भी 1.6 लाख रुपये तक की कमी आई है।
बुकिंग्स में रिकॉर्ड उछाल
मारुति सुजुकी ने 18 सितंबर को अतिरिक्त छूट की घोषणा की थी। तभी से कंपनी को अब तक 75,000 नई बुकिंग्स मिली हैं और हर दिन लगभग 15,000 बुकिंग्स दर्ज हो रही हैं। छोटे वाहनों की मांग में 50% की वृद्धि देखी जा रही है। कार डीलर्स ने बताया कि ग्राहकों की भारी भीड़ के कारण शोरूम देर रात तक खुले रह रहे हैं। कुछ वेरिएंट्स का स्टॉक भी जल्द खत्म हो सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों से भी जोरदार मांग
त्योहारों का समय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। खासकर ग्रामीण इलाकों में इस दौरान किसानों की आमदनी बढ़ने से गाड़ियों की बिक्री में उछाल आता है।
उद्योग के लिए राहत
हाल के महीनों में कमजोर मांग के चलते ऑटो सेक्टर दबाव में था। चालू वित्त वर्ष में यात्री वाहनों की बिक्री लगभग ठप रही थी और 1-4% की मामूली वृद्धि का अनुमान था। लेकिन जीएसटी कटौती के बाद अब 5-7% वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है। कुल मिलाकर, नवरात्र और जीएसटी कटौती ने ऑटो सेक्टर को नई रफ्तार दी है। आने वाले दिनों में दिवाली तक गाड़ियों की बिक्री में और बड़ी छलांग देखने की उम्मीद है।