Electric vehicle का मार्केट भारत में काफी तेजी से अपना विस्तार कर रहा है जिसमें सबसे ज्यादा बढ़त इलेक्ट्रिक टू व्हीलर सेगमेंट बना रहा है। मगर इलेक्ट्रिक टू व्हीलर के मुकाबले इलेक्ट्रिक कारों को खरीदने वाले लोगों की संख्या अभी भी काफी कम है। इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री कम होने के पीछे की सबसे बड़ी वजह है रास्ते में या कहीं और चार्जिंग खत्म हो जाने पर बैटरी चार्जिंग स्टेशन या बैटरी स्वैपिंग स्टेशन का न मिलना। जिसकी वजह से लोग किफायती होने के बाद भी इन इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीदने में दिलचस्पी नहीं दिखा पाते हैं।

Finance Minister Nirmala Sitharaman ने की थी घोषणा

इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग समस्या को देखते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट पेश करने के दौरान नई बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी की घोषणा की थी और इस पॉलिसी को जल्द अमल में लाने की तैयारियां अपने आखिरी चरण में हैं।

Battery swapping policy: लक्ष्य क्या है ?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी को लेकर की घोषणा के मुताबिक, इस योजना का पहले चरण का लक्ष्य हल्के इलेक्ट्रिक व्हीकल की चार्जिंग जरूरत को पूरा करना है जिसके तहत व्हीकल की बैटरी स्वैपिंग स्टेशन तक पहुंच और चार्जिंग के अलावा बैटरी स्वैपिंग की व्यवस्था को लागू करना है।

Battery swapping policy: ग्राहकों को होगा फायदा

बैटरी स्वैपिंग नीति लागू होने के बाद सबसे बड़ा फायदा उन ग्राहकों को होने वाला है जो अपने वाहनों को चार्ज करने के लिए फास्ट चार्जर का इस्तेमाल नहीं करते है। नॉर्मल चार्जर से चार्ज करने पर बैटरी को चार्ज होने में कम से कम 5 से 6 घंटे लगते हैं। मगर इस पॉलिसी के तहत ग्राहकों को बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर घंटो तक चार्ज करने के लिए रुकना नहीं पड़ेगा बल्कि बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पर जाकर अपनी डिस्चार्ज बैटरी को चार्ज बैटरी के साथ बदला जा सकेगा।

Battery swapping policy: कम हो सकती है बैटरी की कीमत

बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद चार्जिंग को लेकर होने वाली परेशानी तो खत्म होगी ही बल्कि इलेक्ट्रिक व्हीकल में लगने वाले बैटरी पैक की कीमतों में कमी भी होने की भी उम्मीद है। वर्तमान में मौजूदा इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक को खरीदने पर पता चलता है कि उस व्हीकल की कुल कीमत में 40 से 50 प्रतिशत रकम उसके बैटरी पैक की होती है। बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी लागू होने के बाद ग्राहकों के सामने बिना बैटरी के इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने का विकल्प मिलेगा जिससे इलेक्ट्रिक व्हीकल की कीमत के चलते जेब पर पड़ने वाला बोझ काफी कम हो जाएगा।