राजनीति, जनसत्ता संपादकीय
युवा पीढ़ी और बाजार

युवा पीढ़ी पिछली पीढ़ियों की तुलना में अधिक रचनात्मक है। तकनीक ने भी इस मामले में उसे बेहतर और अधिक…

जाति का गणित

‘जाति और जनाधार’ (संपादकीय, 25 अगस्त) पढ़ा। सच यही है कि नौकरियों से लेकर बहुत तय होने का पैमाना व्यवहार…

उपलब्धि के बजाय

काल खंड के इस दौर में हम सिर्फ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में ही पीछे नहीं हैं, बल्कि कला, वाणिज्य, संगीत,…

गन्ने की कीमत

अगले पेराई सत्र के लिए केंद्र ने गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य यानी एफआरपी में पांच रुपए की बढ़ोतरी…

सतह पर कलह

देश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में कांग्रेस जिस दौर से गुजर रही है, उसमें यह आशंका पैदा हो गई है…

स्मृतियों का दंश

कुछ लोग अतीत के बुरे अनुभव और भूलों पर इतना टिक जाते हैं कि उनकी एकाग्रता पूरी तरह बीते समय…

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