गुमनाम किसान

नीरज प्रियदर्शी अब तक बहसों और परिचर्चाओं में अक्सर सुना करता था कि बिहार के किसान अंदर से बहुत मजबूत…

नई जाति व्यवस्था

तरुण विजय ने ‘ऊंची जाति नीची जाति’ (दक्षिणावर्त, 10 मई) में जातिगत रूढ़ियों को उजागर करने का साहसिक कार्य किया।…

राहत की सीमा

सीमाएं कभी नहीं उलझतीं, उलझते हैं तो सिर्फ राजनीति के पंडित। यदि हमारे हुक्मरान वोट बैंक की राजनीति के बिना…

फैसले के बाद

कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले से जयललिता और उनकी पार्टी को राजनीतिक संजीवनी मिल गई है। फैसला अगर इसके उलट…

शेर का कुनबा

पिछले कुछ सालों के दौरान गिर अभयारण्य में एशियाई या बब्बर शेरों की मौत की घटनाओं के चलते इस दुर्लभ…

वह एक अनुपस्थित

सुधीर विद्यार्थी इस बार दिल्ली से मुंबई जाती ट्रेन आगरा राजा मंडी पर देर तक रुकी तो सब कुछ सूना…

अपने अपने देवता

कौशलेंद्र प्रपन्न तुलसी राम का आत्म-वृत्त ‘मुर्दहिया’ पढ़ते हुए देवताओं और देवालयों का विभाजित समाज आंखों के आगे नाचने लगता…

छद्म राष्ट्रवाद

बांग्लादेश के साथ आवासीय भूभाग की अदला-बदली को सहमति देने वाले ‘भूमि सीमा अधिनियम’ के संसद में पारित होने के…

सत्ता का प्रसाद

सत्ता-परिवर्तन के तुरंत बाद सत्तारूढ़ पार्टी के साथ किसी भी तरह से जुड़े छोटे-बड़े नेता, कार्यकर्ता, हितैषी आदि का यह…

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