स्त्री-चिंतन: लिखने की मेज पर अकेला होना इन दबावों का जाल समाज ने इस तरह बुना है कि स्त्री का अपना कुछ भी निज का नहीं रह… By अल्पना मिश्रSeptember 4, 2016 05:55 IST
परीदेश की राजकुमारियां हममें से ज्यादातर को बचपन में सुनी परी देश की राजकुमारियों या अन्य राजकुमारियों की कहानियां याद होंगी। By अल्पना मिश्रJuly 31, 2016 01:44 IST
स्त्री विमर्शः एक अधूरी भाषा में जीना भाषा अपने आप में यादृच्छिक ध्वनि समूह भर नहीं है, न परस्पर अर्थ संप्रेषण की क्षमता का निर्वहन कर सकने… By अल्पना मिश्रJuly 10, 2016 02:43 IST
परिदृश्यः बंद दिमाग के ताले शिक्षित व्यक्ति को स्त्री के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए? किस तरह समानता, न्याय को व्यवहार में उतारना है? इसकी… By अल्पना मिश्रMarch 20, 2016 03:08 IST
स्त्री विमर्शः स्त्री और सामाजिकता स्त्री के सामाजिक सरोकार महत्त्वपूर्ण न माने जाने के कारण, उसका श्रम भी महत्त्वपूर्ण नहीं माना जाता। इस तरह उसे… By अल्पना मिश्रUpdated: February 22, 2016 21:59 IST
स्त्री विमर्श : स्त्री और बौद्धिकता हमारे साहित्य इतिहास में ऐसी स्त्रियां भी रही हैं, जिन्होंने ऐसी सरपरस्ती से इनकार किया और जाहिर है कि इसके… By अल्पना मिश्रUpdated: February 7, 2016 00:40 IST
विजय देवरकोंडा से शादी की अफवाहों के बीच वर्क लाइफ बैलेंस पर बोलीं रश्मिका मंदाना- ज्यादा काम से परेशान हूं
‘बारिश भी फर्जीवाड़ा’, दिल्ली में AAP ने उड़ाया क्लाउड सीडिंग का मजाक, सौरभ भारद्वाज बोले- सरकार केवल खर्चा दिखाएगी