आप के अंदर भी एक अद्भुत कलात्मक पक्ष हो सकता है जिसके बारे में शायद आपको अब तक पता ही न हो। अपने कलात्मक पक्ष का पता लगाने के लिए, आप कुछ चीजें आजमाने की कोशिश कर सकते हैं जैसे लेखन, चित्रकला, अभिनय, गायन आदि। आप अपने अंदर के कलाकार को खोजने के लिए कई चीजें कर सकते हैं।
एक संगीत वाद्य बजाने की कोशिश। शायद आपको बचपन में पियानो बजाना पसंद था और आपने अब उसे बजाना बंद कर दिया है। उसे बजाने की एक बार फिर कोशिश करें। कोई कविता या कहानी लिखने का प्रयास करें। इससे आपको यह पता लग सकता है कि जितना आपने सोचा था, आपके पास कहने को शायद उससे भी ज्यादा चीजें हैं। आप किसी स्थानीय नाटक कंपनी में शामिल होने की कोशिश करें क्या पता आपके अंदर कोई दिलीप कुमार या मीना कुमारी छिपी हो। यदि आपको हमेशा से गाने का जुनून था लेकिन कभी भी दूसरों को अपनी आवाज सुनाने के लिए वक्त नहीं था तो उसका समय अभी ही है।