संस्कृत भाषा से जुड़ाव पैदा करने की कोशिश में 54 साल से जुटे हुए संस्थान ‘सदविद्या प्रतिष्ठानम’ ने संस्कृत संभाषणशाला का उद्घाटन किया है।  संस्कृत भाषा पढ़ाने की कोशिश में किए जा रहे इस प्रयास की यह 5वीं ऑनलाइन सीरीज है।  ‘सदविद्या प्रतिष्ठानम’ के फाउंडर संस्कृत और वेदों के विद्वान प्रोफेसर (दिवंगत) श्री पद्मनाभ शर्मा थे। 

इसके उद्घाटन सत्र में सदविद्या प्रतिष्ठानम (SVP) के संरक्षक आईएएस सी.वी गोपीनाथ ने संस्कृत भाषा के महत्व के बारे में बात करते हुए 2027 तक 5 हज़ार लोगों तक संस्कृत भाषा के ज्ञान को पहुंचाने के लक्ष्य पर ज़ोर दिया। इस कार्यक्रम में सदविद्या प्रतिष्ठानम (SVP) के पूर्व प्रोफेसर और गणमान्य लोग शामिल रहे। 

इस साल संस्कृत संभाषणशाला की 5वीं ऑनलाइन सीरीज के लिए अब तक 30 से ज़्यादा लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। ऑनलाइन सीरीज़ के क्लास हर शनिवार शाम 4:30 से 7:00 बजे तक रहेगी, जिसमें दो बैच शामिल होंगे, एक क्लास का टाइम 1 घंटा 15 मिनट रखा गया है। 

इस सीरीज़ के साथ ही सदविद्या प्रतिष्ठानम (SVP) कई और माध्यम से भी संस्कृत सिखाने का प्रयास करता है। SVP ने  संस्कृत स्वाध्याय मंडलम की स्थापना की है, जहां आसानी से संस्कृत भाषा को पढ़ा जा सकता है। 

सदविद्या प्रतिष्ठानम (SVP) का परिचय 

सदविद्या प्रतिष्ठानम (SVP) का अहम लक्ष्य लोगों का संस्कृत भाषा से जुड़ाव पैदा करना है। SVP ने अपने परिचय में लिखा है कि वेदों, उपनिषदों, भगवद-गीता और पुराणों के शोधन को दिव्य भाषा “संस्कृत” के ज्ञान से अच्छी तरह से समझा जाता है। संस्कृत का ज्ञान हमारी संस्कृति के संरक्षण के लिए काफी उपयोगी है। इसीलिए वेद-शास्त्र पाठशाला’ की स्थापना वर्ष 1967 में आचार्य पद्मनाभ शर्मा (गुरुजी) द्वारा की गई थी, जिसे बाद में संस्कृत भाषा, वेदों, उपनिषदों और भगवद-गीता के प्रचार के लिए सदविद्या प्रतिष्ठानाम नाम दिया गया था। प्रतिष्ठानम की प्रबंधन समिति और विशेषज्ञों के समूह में विद्वान, वरिष्ठ नौकरशाह, कामकाजी पेशेवर और पूर्व छात्र शामिल हैं।

सदविद्या प्रतिष्ठानम से जुड़ने और ज़्यादा जानकारी हासिल करने के लिए Ms. Pria Krishnan से info.sadvidya@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।