रामनवमी पर दिल्ली, मध्य प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा, महाराष्ट्र, झारखंड, बिहार, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ में पथराव और हिंसा के मुद्दे को लेकर चल रही टीवी डिबेट में औरंगजेब और मुगलों का जिक्र आ गया. एंकर ने मुस्लिम चिंतक अतीक उर रहमान से पूछा कि एक ट्रेलर देखने को मिल रहा है, एक पैटर्न देखने को मिल रहा है, जिसके बाद देश के कई हिस्सों में पलायन हो रहा है, इसी बीच लश्कर ए इस्लाम की चिट्ठी भी आ गई है. क्या आपको लगता है कि कुछ लोग तनाव पैदा करने में कामयाब हो गए हैं?
एंकर के सवाल पर अतीक उर रहमान ने कहा कि एक न्यायधीश हैं सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के, जिन्होंने अल्लामा इकबाल को दोहराया था ये कहके कि कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़मां हमारा। तो चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले, लेकिन हिंदू-मुसलमान एकता को तोड़ नहीं पाएगा। राज्य सरकार अपना काम कर रही हैं, चाहे वो एमपी की राज्य सरकार हो या राजस्थान की राज्य सरकार, मेरा ये मानना है कि सरकारों को काम करने दिया जाए, जो इंस्टेंट जस्टिस की पॉलिसी अपनाई है एमपी की सरकार ने, उसका रद्देअमल आप देख लीजिए, कल द्वारका में एक राजाराम नाम के युवक की लिंचिंग कर दी गई, वो चार गायों को लेकर जा रहा था, ये इस्टेंट जस्टिस का रद्दे अमल आप देख लीजिए।
इस पर एंकर ने उन्हें बीच में टोका और कहा कि अच्छा ये इंस्टेंट जस्टिस तो ठीक है, आप बुल्डोजर के खिलाफ हैं, लेकिन हिंदुओं का जो पलायन है, ऐसे ही कश्मीर में हुआ था हमने देखा तो क्या आपको लगता है वो सही होगा? इसके जवाब में अतीक उर रहमान ने कहा कि 70 साल में से कांग्रेस ने 50 साल हुकूमत की भारत के ऊपर हिंदू खतरे में नहीं आया, 50 साल औरंगजेब ने हुकूमत की भारत पर, लेकिन हिंदू भाई खतरे में नहीं आए, 1000 साल में से 300 साल मुस्लिम रूल रहा इंडिया के अंदर हिंदू खतरे में आया और 7 साल की बीजेपी की हुकूमत में हिंदू खतरे में आ गया।
इस पर शिवम त्यागी ने पूछा कि अतीक उर रहमान ने खुद को मुगलों से कैसे जोड़ लिया, अभी तो आप कह रहे थे कि हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई हैं। शिवम त्यागी ने आगे कहा कि आपको पता नहीं है सुन लीजिए, एक-एक दिन में 80-80 गांव कन्वर्ट हुए हैं औरंगजेब के जमाने में, सुन लीजिए जरा, ये लश्कर ए इस्लाम ने जो कहा है ये क्या है, या तो कन्वर्ट कीजिए या भाग जाइए या मरिए ये क्या क्या है। शिवम त्यागी अपनी बात बोलते रहे और अतीक उर रहमान हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते रहे।
