पत्रकार राणा अय्यूब ने गुजरात दंगों पर अपने स्टिंग ऑपरेशन को लेकर ‘गुजरात फाइल्‍स: एनाटॉमी ऑफ ए कवर अप’ नाम से किताब लॉन्‍च की है। इसके जरिए उन्‍होंने दावा किया है कि दंगों के समय पद रहे अधिकारियों ने स्‍वीकार किया था कि उन पर राजनीतिक दबाव था। राणा अय्यूब ने स्टिंग ऑपरेशन के टेप रिलीज न करने के सवाल पर कहा कि अगर जांच एजेंंसियां उनसे इनकी मांग करेंगी तो वे ये टेप्‍स देने काे तैयार है।

अय्यूब ने नरेंद्र मोदी का स्टिंग करने का भी दावा किया है। साथ ही अय्यूब ने आईपीएस अधिकारी राजन प्रियदर्शी के बयान का जिक्र करते हुए मोदी और शाह का नाम गुजरात में दंगों से जोड़ा।प्रियदर्शी रिटायरमेंट के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वे 2009 में एडिशनल डीजीपी(जेल) के पद से रिटायर हुए थे। उन्‍होंने कांग्रेस के लिए प्रचार भी किया था और पाक्षिक अखबार ‘राजन’ शुरू किया था।

प्रियदर्शी ने ‘इंडियन एक्‍सप्रेस’ को बताया, ”मेरे पास छिपाने को कुछ नहीं है। मैंने यह सब चुनाव प्रचार के समय भी कहा था।” उन्‍होंने कहा कि वे तीन साल पहले मैथिली त्‍यागी से मिले थे। प्रियदर्शी ने कहा, ”हालांकि मैंने न तो किताब पढ़ी है और न देखी, जो कुछ भी मैंने उसे कहा वह सब 100 प्रतिशत सच है।”

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