वैदिककाल में पर्यावरण के परिष्कार के लिए यज्ञ-हवन संपन्न किए जाते थे।
भौतिकवाद के चक्रव्यूह में फंसकर मनुष्य पृथ्वी का विनाश करने पर तुल गया है।
मनुष्य के जीवन की तीन अवस्थाएं हैं – जाग्रत, स्वप्न एवं सुषुप्ति।
वैदिक काल से आज तक जो चार उत्सव-त्योहार भारतीय समाज में जीवित हैं, उनमें विजयादशमी भी एक है।
योग गुरु बाबा रामदेव के देश के पहले वैदिक शिक्षा बोर्ड बनाने के प्रस्ताव को तगड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री…