तेलंगाना में 119 विधानसभा सीटों के लिए 30 नवंबर को वोटिंग होने जा रही है। इसके बाद राज्य में 3 दिसंबर वोटों की गिनती होगी। चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, तेलंगाना में वोटर्स की कुल संख्या 3.17 करोड़ है, जिनमें पुरुष और महिलाओं की संख्या समान अनुपात में है।
तेलंगाना में पिछले विधानसभा चुनाव में क्या हुआ?
तेलंगाना में साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में KCR के नेतृत्व वाली टीआरएस पार्टी ने क्लीन स्वीप किया। राज्य में टीआरएस को 119 में से 88 सीटों पर जीत मिली। यहां कांग्रेस पार्टी को महज 19 सीटों से संतोष करना पड़ा। ओवैसी की पार्टी AIMIM महज 7 सीटों पर सिमट गई जबकि अन्य दलों और निर्दलीयों की संख्या 5 रही। इससे पहले राज्य में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भी टीआरएस ने जीत हासिल की थी। टीआरएस को 64 सीटें मिली थीं। कांग्रेस को 21 जबकि टीडीपी को 15 सीटें हासिल हुईं। इस चुनाव में अन्य दलों और निर्दलीयों को मिलने वाली सीटों की संख्या 20 रही।
क्या BRS जमा पाएगी हैट्रिक?
तेलंगाना की टीआरएस, अब बीआरएस हो चुकी है। BRS का दावा है कि वो राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने जा रहे हैं। ओवैसी की तरफ से भी यही बात कही गई है, दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी वापसी के लिए कई गारंटी दे चुकी है। बीजेपी को भी तेलंगाना से बहुत उम्मीदें हैं। राज्य में एंटी इनकमबेंसी होने के बाद भी विपक्षी दलों का अपेक्षाकृत कमजोर होना BRS को एक अवसर दे सकता है। यहां कांग्रेस और भाजपा दोनों अंतर्कलह से जूझ रही हैं। कहा जा रहा है कि BJP ने वह लय खो दी जो पार्टी के पूर्व प्रमुख बी. संजय कुमार ने बनाई थी। उनकी जगह केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी को लाया जाना स्थानीय स्तर पर पार्टी के लिए कमजोरी के रूप में देखा जा रहा है। अगर विपक्षी वोट कांग्रेस और BJP के बीच समान रूप से विभाजित हो जाता है, तो त्रिकोणीय मुकाबला BRS के लिए फायदेमंद होगा। Read More