
इन दिनों हर बहस एकदम बेरहम, दो टूक और विभक्त है। एक ओर चुनिंदा मुसलिम नेता-प्रवक्ता, दूसरी ओर चुनिंदा हिंदू…
नैतिक सामर्थ्य की जगह भौतिक सामर्थ्य और प्रसिद्धि की लालसा ही चिंतकों, समाज सुधारकों और सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाओं के निष्प्रभावी होने…
अब औरंगजेब बन गया है महाराष्ट्र में इतना बड़ा मुद्दा कि कुछ दिनों के लिए जनता भूल जाएगी कि उनकी…
जब मोदी ने भारतीय वस्तुओं पर प्रस्तावित उच्च शुल्क का विरोध किया, तो ट्रंप ने उनकी आपत्तियों को दरकिनार कर…
दुनिया को संचालित करने के लिए, सत्तावादी शासक एक ‘क्लब’ बनाएंगे- ट्रंप, पुतिन और शी जिनपिंग। वे अपने मनचाहे इलाकों…
चुनावों के बाद, 23 जुलाई, 2024 का मोदी-सीतारमण का पहला बजट बहुत नीरस था। इसमें हमेशा की तरह बहाने बनाए…
उत्तराखंड सरकार ने भले समान नागरिक संहिता बनाई है, मगर हकीकत यही है कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के कंधों पर…
दुनिया के बाकी महानगर अगर इस समस्या का हल ढूंढ़ सके हैं, तो भारत क्यों नहीं उनसे कोई सीख ले…
जनगणना का एक सभ्यताई परिप्रेक्ष्य होना चाहिए। परंपराओं और लघु संस्कृतियों को समाजशास्त्रीय दृष्टि से देखना जनगणना को पूर्णता देता…
पुराने हिंदुस्तान में अपना तकरीबन पूरा जीवन गुजारने के नाते मैं जानती हूं अच्छी तरह कि उस जमाने में खामियां…
हम राजनेताओं से मिलकर वापस जब लौटते हैं तो लेख लिखते हैं लंबे-चौड़े जात-पात पर, राजनीतिक उथल-पुथल पर, लेकिन जिक्र…
सीमा अग्रवाल अपने लेख में बता रही हैं कि भारत जैसे कृषि प्रधान और पर्यावरण के प्रति चिंतित देश के…