कांग्रेस नेता प्रताप सिंह खाचरियावास वर्तमान में राजस्थान के जयपुर शहर की सिविल लाइंस सीट से विधायक हैं। प्रताप सिंह खाचरियावास गहलोत के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। राजपूत समुदाय से आने वाले खाचरियावास का जन्म 16 मई 1971 को जोधपुर में हुआ था। उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह शेखावत है। खाचरियावास पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के भतीजे हैं। प्रताप खाचरियावास ने अपना सियासी सफर बीजेपी से शुरू किया और राजस्थान बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष रह चुके हैं। प्रताप सिंह खाचरियावास का भाजपा और राज्य में पार्टी की यूथ विंग में लंबे समय तक कार्यकाल रहा। एक समय खाचरियावास वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते थे। 2004 में उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था।
राजनीतिक सफर
प्रताप सिंह के राजनीतिक करियर की शुरुआत जयपुर विश्वविद्यालय की छात्र राजनीति में एंट्री से हुई थी। प्रताप सिंह खाचरियावास पहली बार 2008 में विधायक बने और 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए। 2015 में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बने और जयपुर कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। फिलहाल खाचरियावास गहलोत सरकार में मंत्री हैं। वह राजस्थान सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, उपभोक्ता मामले विभाग केबिनेट मंत्री हैं। इससे पहले वह राजस्थान सरकार में परिवहन मंत्री रहे हैं।
विवाद
साल 2020 में जब सचिन पायलट ने गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी तो शुरू में प्रताप सिंह खाचरियावास भी उसमें शामिल थे लेकिन बाद में वो वापस आ गए। उस दौरान यह भी कहा गया कि सीएम अशोक गहलोत ने खुद खाचरियावास को पायलट खेमे में प्लांट किया था। 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव परिणाम घोषित होने से ठीक पहले जयपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना गया कि अशोक गहलोत यह तय नहीं कर सकते कि मुख्यमंत्री कौन होना चाहिए और यह फैसला कांग्रेस अध्यक्ष को करना है।