
बाजारवाद ने हमें बहुत अधिक पराश्रित कर दिया है। दिखावे की हैसियत के मारे हम लोग दूसरों पर इतने निर्भर…
जब हम सहानुभूति के साथ दूसरों की पीड़ा और आनंद को साझा करते हैं, तो हमारे भीतर भी सुख और…
मुश्किल यह है कि समाज का जो तबका उपेक्षित बच्चों के लिए कुछ कर सकने की स्थिति में है, वह…
अगर यह मान भी लिया जाए कि होनी होकर रहती है, तो अनहोनी को टालने का प्रयास अवश्य होना चाहिए।…
महत्त्वपूर्ण बात यह कि खुद को हर बार सही ठहराना बंद कर देना चाहिए। बगैर किसी स्पष्टीकरण के चुनाव करने…
जब हर ओर प्रतिस्पर्धा, प्रदर्शन और मान्यता की होड़ मची है, तो प्रेरणा को भी बाहरी मानकों से जोड़ दिया…
जब हम किसी से कुछ मांगते हैं, तो हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारी बात स्पष्ट हो कि क्या…
अपने संवाद में नपे-तुले शब्दों का चयन संसार की बहुतेरी परेशानियों से बचाने का दम रखता है। यही सुंदरता तमाम…
जिज्ञासा की कुंजी सकारात्मकता और सक्रियता का ताला भी खोलती है। यह कहा जा सकता है कि जिज्ञासा एक ऐसा…
हम दूसरों की नजरों में ‘कुछ’ बनने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस प्रयास में हम अपने वास्तविक स्वरूप से…
सफलता उन्हीं को मिलती है, जो इसे पाने के लिए निरंतर प्रयास करते हैं। सफलता के शिखर पर पहुंचने के…
हमारे बीच से वह पीढ़ी जा चुकी है जो बिना कैलकुलेटर के केवल मुंहजबानी सारा हिसाब जोड़-घटाव कर लेती थी।…