जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: सोशल मीडिया पर दिखावे का जीवन, लोगों की प्रशंसा पाने के लिए गढ़ते हैं झूठी छवि

हमारी पहचान जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर निर्भर करती है। हर व्यक्ति की अपनी कई तरह की पहचान होती है…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: आंसुओं का महत्त्व केवल भावनाओं को व्यक्त करने तक सीमित नहीं, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक

दूसरों के दुख देखकर बहने वाले आंसू मानवीय संवेदनाओं का सबसे सुंदर और कोमल रूप हैं। किसी की परेशानी देखकर…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: जीवन की डगर कठिनाइयों से भरी, कोई मानसिक तो कोई शारीरिक तौर पर परेशान

जब जिंदगी की गाड़ी ठीक-ठाक चल रही होती है, उस समय कोई बड़ा अप्रत्याशित संकट उठ खड़ा होता है, तब…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: जब जीवन का सच्चा सुख हमारे भीतर है, तो हम क्यों भटक रहे हैं मन की गलियों में?

जीवन एक सतत प्रवाह है, जो निरंतर बहता ही रहता है। जैसे नदी का प्रवाह कभी तीव्र तो कभी मद्धिम…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: लक्ष्य के प्रति गंभीर रहने के लिए रखनी चाहिए निरंतरता, जीवन के लिए नियमित होना जरूरी

अक्सर हम नियमित रूप से कोई काम नहीं कर पाते और जब उसमें असफल हो जाते हैं, तब नियति को…

Jaya Kishori told how to keep her partner happy
10 Photos
शादीशुदा और रिलेशनशिप में रहने वालों को जया किशोरी की सलाह, ऐसे रिश्ते बर्बाद कर देते हैं

Jaya Kishori told how to keep her partner happy: जया किशोरी ने शादीशुदा लोगों के साथ ही रिलेशनशिप में रहने…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: पाप और पुण्य कर्म की समझ खुद ही आती है नजर, प्रतिफल की आस रखना मानवीय क्रिया

पारिवारिक जीवन में तमाम संबोधन के रिश्ते-नातों का परिपालन अपनत्व की भावना से जरूर किया जाता है, लेकिन इसमें भी…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: अनुमान लगाते रहना हमारी आदतों में शुमार, अंदाजा लगाकर किए गए काम में आ जाती है समस्या

अगर कोई परिचित बहुत दिनों बाद मिले, तो लोगों का अनुमान लगाना शुरू हो जाता है। लोग सोचने लगते हैं…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: हर जगह के लिए आदमी ने बना रहा है एक मुखौटा, लोगों में बर्दाश्त करने की क्षमता होती जा रही है कम

जीवन में कड़वाहट का मुख्य कारण अपनी इच्छा और विचार को सर्वोपरि रखना है। इस कारण रिश्तों में दरार, बिखराव…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: सोशल मीडिया पर प्रैंक वीडियो का अंबार, मजाक के नाम पर हो रही अश्लीलता

आज के समय में सोशल मीडिया और डिजिटल मंचों पर इस तरह के वीडियो का अंबार है, जिनका मुख्य उद्देश्य…

जनसत्ता- दुनिया मेरे आगे
दुनिया मेरे आगे: लोगों में तेजी से बढ़ रही जल्दबाजी में रहने की आदत, हड़बड़ी में हासिल से ज्यादा होता है नुकसान

जल्दबाजी का अजब मंजर उस समय बड़ा ही चिंतनीय लगता है जब दुख की घड़ी में सगे-संबंधी एकत्रित होते हैं।…

अपडेट