दिविक रमेश की बाल कथा ‘होलू क्या करे’ मां और बेटे के बीच स्नेह और लगाव की कहानी है।
रीमा अपने बचपन में पिता के स्नेह से वंचित रही, पर मोहित में उसे वही सुरक्षा मिली जिसकी वह तलाश…
गोविंद भारद्वाज की बालकथा- शाहपुरा के बच्चों ने हवेली में खोई गेंद खोजते खजाना पा लिया— वायलिन की धुन ने…
पूनम पांडे की कहानी ‘गुलाबो’ एक साधारण माली सूरज दादा और रहस्यमयी युवती गुलाबो के बीच पनपते अपनापन, भरोसे और…
प्रेमचंद की अमर कहानी ‘ईदगाह’ में छोटा हामिद त्याग, करुणा और संवेदना का प्रतीक बन जाता है।
जनसत्ता के साप्ताहिक साहित्य कॉलम में आज पढ़ें ललित शौर्य की बाल कथा जासूस ओजस। यह एक प्रेरणादायक जासूसी कहानी…
जनसत्ता के साप्ताहिक साहित्य कॉलम में आज पढ़ें विपिन जैन की कहानी अपराजिता। यह एक संवेदनशील महिला की कहानी है।
रवींद्रनाथ ठाकुर ने 1892 में यह कहानी लिखी थी। तब अफगानिस्तान बंदूकधारी और स्त्री विरोधी सत्ता नहीं बल्कि अपनी खास…
अलका सोनी का मानना है कि रचनाकारों ने अपने मन की भावनाओं को चाहें कविता, कहानी या उपन्यास, किसी भी…
जनगणना के आँकड़ों में आप देखेंगे कि हिंदी के नीचे 50 से ज़्यादा भाषाओं को “हिंदी की बोलियाँ” बताकर हिंदी…
नोबेल समिति ने कहा कि लास्ज़लो क्राज़्नाहोरकाई मध्य यूरोपीय परंपरा के एक महान महाकाव्य लेखक हैं।
पुस्तक के कई हिस्सों में सकारात्मक सोच का महत्व सामने आता है—“आपकी सोच ही आपकी हकीकत बनती है।” यह बात…