
सवाल है कि क्या स्मार्टफोन की इस लत से छुटकारा पाना मुश्किल है, या सिर्फ एक छोटा-सा संकल्प ही काफी…
चेहरे पर होने वाले मुंहासे, डार्क स्पॉट और पिग्मेंटेशन की समस्या को नेचुरल तरीके से ठीक किया जा सकता है।…
जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें अविनाश जोशी के विचार।
इसमें दोराय नहीं कि महत्त्वाकांक्षा व्यक्ति के भीतर की क्षमताओं में उभार लाकर उसे अपने यथास्थिति का शिकार हो गए…
शारीरिक श्रम, जिसे ज्यादातर सक्षम और संपन्न लोग बेचारगी की दृष्टि से देखते हैं, शायद वही हमारे स्वास्थ्य की बेहतरी…
किचन की कढ़ाई अगर ज्यादा इस्तेमाल के बाद कोयले जैसी काली हो गई है तो घबराने की जरूरत नहीं है।…
जब हम यह मान लेते हैं कि परिवर्तन की शुरुआत अपने भीतर से होनी चाहिए और समाज से पहले खुद…
कई बार हम कुछ सीमाएं तय करते हैं, ताकि आत्मसम्मान की रक्षा कर सकें, लेकिन अक्सर लोग इसे अहंकार समझ…
भावनाओं पर जबरन नियंत्रण करना यानी तकलीफ को बढ़ाना। अगर हम भावनात्मक रूप से मजबूत बनना चाहते हैं तो अपनी…
जिंदगी की भागदौड़ के कुप्रभाव से निद्रा भी अछूती नहीं रह पाई है। नींद में कमी की भारी कीमत समाज…
संतोष हमारे चित्त को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। बाहरी परिस्थितियां ऐसी दशा में हमें जरा भी प्रभावित नहीं…
हम अक्सर एक मुस्कुराता हुआ मुखौटा पहन लेते हैं, भले ही हमारे भीतर तूफान चल रहा हो। ऐसा लगता है…