जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें चंदन कुमार चौधरी के विचार।
Manifestation Explained: मेनिफेस्टेशन कोई जादू नहीं है, बल्कि यह आपके सोचने, महसूस करने और करने के तरीके को बदलने की…
जब सोवियत संघ का विघटन हुआ था, तब से लेकर अब तक मार्क्सवाद को अपनी राजनीति का आधार मानने वाले…
जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें निधि गोयल के विचार।
जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें सुरेश कुमार मिश्रा ‘उरतृप्त’ के विचार।
जनसत्ता अखबार के स्तम्भ ‘दुनिया मेरे आगे’ में आज पढ़ें मुनीष भाटिया के विचार।
आमतौर पर हर एक व्यक्ति के कुछ न कुछ सामाजिक सरोकार भी होते हैं। इन सरोकारों से जुड़ कर ही…
हम सबने अपनी-अपनी वैकल्पिक दुनिया रच ली छोटे-छोटे घोंसलों में, लेकिन घोंसले बनाकर हम भूल गए कि कब, कहां, क्यों…
पीड़ा का सामना करने के लिए अपनों से निकटता बनाए रखना चाहिए। जिन लोगों के साथ हम अपने जीवन का…
जीवन का नियम है- हर बाधा के बावजूद आगे बढ़ते रहना। कई बार परिस्थितियां इतनी विकट हो जाती हैं कि…
हम घरों में देखते हैं कि एकल परिवार होने के कारण पति-पत्नी का अहं किसी भी मुद्दे पर टकरा जाता…
मारी मानसिकता आज इस दिशा में विकसित हो रही है कि हमें अपने उद्देश्य की प्राप्ति तो करनी है, लेकिन…