fear meaning, fear vs courage, types of fear
दुनिया मेरे आगे: हमें क्यों लगता है डर…, दहशत के कारोबार का कैसे बढ़ रहा है टर्नओवर? क्या है इसके दिमाग का खेल

भय हर स्थिति में उपस्थित होता है। अनिष्ट में वह हमेशा रहता है। विकट परिस्थितियों में भय की उपस्थिति महसूस…

thought vs propaganda, media machinery, artificial intelligence
दुनिया मेरे आगे: यादों के आईने में जीवन की यात्रा; हम कौन हैं और कहां जा रहे हैं? खुद से करें बातचीत

हम सबने अपनी-अपनी वैकल्पिक दुनिया रच ली छोटे-छोटे घोंसलों में, लेकिन घोंसले बनाकर हम भूल गए कि कब, कहां, क्यों…

life journey, right path, self respect, inner peace, truth and struggle
दुनिया मेरे आगे: कामयाबी के सफर पर आगे बढ़ने के लिए दूसरों से नहीं करें तुलना, खुद से मुकाबला ही बेहतर रास्ता

जब हम यह मान लेते हैं कि परिवर्तन की शुरुआत अपने भीतर से होनी चाहिए और समाज से पहले खुद…

intelligence vs character, importance of morality
दुनिया मेरे आगे: बुद्धिमान बनाम चरित्रवान, जीवन में कामयाबी के लिए क्यों जरूरी है नैतिकता?

समाज में आज भी ऐसे बहुत से लोग मिलते हैं, जो उच्च शिक्षित नहीं हैं, लेकिन अपने उच्च नैतिक मूल्यों…

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दुनिया मेरे आगे: ‘खुद की नजरों में ना गिरना’, भीड़ से उलट चलने वालों का सच; क्या वाकई यही है असली कामयाबी?

कई बार हम कुछ सीमाएं तय करते हैं, ताकि आत्मसम्मान की रक्षा कर सकें, लेकिन अक्सर लोग इसे अहंकार समझ…

Dunia Mere Aage, Jansatta Online
दुनिया मेरे आगे: ईर्ष्या, लालच और क्रोध छोड़कर कैसे पाएं जीवन की सच्ची खुशी यानी सुख की असली चाबी

पशु-पक्षी, पेड़-पौधे से लेकर इंसान तक सभी से प्यार करना कोई मुश्किल काम नहीं है, यह अभ्यास की बात है।…

Indian culture, youth mindset, tradition vs modernity, western influence
दुनिया मेरे आगे: क्या मॉडर्न बनने के लिए परंपराओं से बगावत जरूरी है? जड़ें सूखी तो हरी-भरी टहनियां भी नहीं बचेंगी

संयुक्त परिवारों की वे जड़ें, जिनमें परिवार रूपी वट वृक्ष सांस लेता था, अब ‘फ्लैट संस्कृति’ में गमले के पौधे…

true bliss, self-awareness, self-reflection, acceptance, gratitude
दुनिया मेरे आगे: सच्चा आनंद पाने का रास्ता है खुद को पहचानना, हर हालात को अपनाना और आभार के साथ जीना सीखना

आनंद कोई क्षणिक भाव नहीं है जो एक बार मन में उत्पन्न हुआ और कुछ ही देर में समाप्त हो…

Dunia mere aage, Kulapati vs Kulguru, Indian education system
दुनिया मेरे आगे: ‘कुलपति’ बनाम ‘कुलगुरु’- शिक्षा पदों पर शब्दों की लड़ाई क्यों जरूरी है?

कुलपति शब्द संस्कृत साहित्य, शास्त्रों और शिक्षाशास्त्र में विशिष्ट अर्थ और महत्ता के साथ प्रयुक्त हुआ है। इसका संबंध विद्या,…

fear management, mental health, personal growth
दुनिया मेरे आगे: तनाव से बचना है तो खुद से करें प्यार, कमजोरियों को अपनाएं और चुनौतियों से दोस्ती करें

भावनाओं पर जबरन नियंत्रण करना यानी तकलीफ को बढ़ाना। अगर हम भावनात्मक रूप से मजबूत बनना चाहते हैं तो अपनी…

Dunia Mere Aage, Jansatta Online
दुनिया मेरे आगे: सोच बदली तो झगड़े खुद सुलझेंगे, कोर्ट जाने की नौबत ही नहीं आएगी; जिद छोड़िए, साथ बैठिए, बातचीत में है हर मसले का हल

दुनिया भर के तमाम विवादों का मूल कारण किसी पक्ष की एकतरफा सोच ही होती है, जिसके कारण समाधान के…

Folk Culture, Real Culture, Showoff Culture, Social Media Display
दुनिया मेरे आगे: कुल्हड़ में चाय पी नहीं सकते, मगर फोटो खिंचवाकर फेसबुक पर जरूर डालते हो… जो चीजें असली थीं, अब वो सिर्फ शो-पीस बनी

सचमुच संस्कृति वह है जो आंतरिक सच को प्रकाशित करती हो। संस्कृति का सच्चा पैरोकार भी वही है जो समाज…

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