शिक्षा जब विवेक, बुद्धि और कल्पना के साथ व्यवहार में लाई जाती है, तो वह ज्ञान में परिवर्तित हो जाती…
पारंपरिक समाज में अक्सर महिलाओं की भावनाओं और उनके मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इसकी वजह से…
देश में नदियों और सहायक नदियों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। गंगा और यमुना जैसी बड़ी नदियों से लेकर…
पटाखे केवल उत्सव का प्रतीक नहीं, बल्कि प्रदूषण, बीमारियों और आर्थिक नुकसान का कारण बन चुके हैं।
तमाम कवायदों के बावजूद देश में स्त्री-पुरुष के बीच का अनुपात लगातार बिगड़ रहा है, जिससे आने वाले समय में…
विजय कुमार मल्होत्रा को आज लोग उनके द्वारा संभाले गए पदों के साथ ही उनकी संवेदनशीलता के लिए भी याद…
वैश्विक जलवायु प्रतिबद्धताओं के बावजूद, 17 प्रमुख देशों ने 2030 तक कोयला, तेल और गैस उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई…
दिल्ली, बंगलुरु और चेन्नई जैसे शहर जाम और प्रदूषण से जूझ रहे हैं। निजी वाहनों की बढ़ती संख्या ने हालात…
महिलाओं को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने के लिए हर स्तर पर आवश्यक सहायता प्रदान की जानी चाहिए। यह समझना…
कृत्रिम मेधा के व्यापक इस्तेमाल के लिए देश में काम करने के ढांचे में बदलाव की जरूरत है। युवा पीढ़ी…
भारत में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण की सरकारी योजना सिर्फ आंकड़े दर्ज करने तक सीमित है। जनसत्ता के ब्लॉग में पढ़ें…
सोनम लववंशी का मानना है कि देश और समाज की प्रगति का आकलन महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा, स्वतंत्रता और…