केन्या के नैरोबी में एक पादरी को ब्रेन ट्यूमर के कारण 18 सालों तक दर्द और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। ब्रेन ट्यूमर के कारण पादरी की छाती से दूध निकलने लगा और वह सेक्स के काबिल नहीं रह गया। ये पादरी 52 वर्षीय फ्रांसिस गिचुरू गचिएकी है। ये समस्या फ्रांसिस को साल 2000 में शुरू हुई जब उसकी शादी हुई थी। डॉक्टर उस पर हंसते थे, जबकि परिवार और दोस्त उसे कहते थे कि वह बच्चे पैदा नहीं कर पाएगा। पादरी ने अपने इलाज में करीब 9 हजार यूरो खर्च कर दिए थे। डॉक्टर पादरी के लक्षण देखकर चकरा जाया करते थे। लेकिन एक बार इसी बीमारी के बारे में साल 2009 में एक रेडियो प्रोग्राम में सुनकर पादरी को इलाज की उम्मीद जगी।
पादरी गिचुरू की स्थिति को प्रोलैक्टिनोमा कहा जाता है। ये बीमारी दिमाग के पिटयूटरी ग्लैंड में नॉन कैंसर टयूमर के कारण होती है। ये ग्लैंड हार्मोन को नियंत्रित करती है। पादरी हार्मोन की समस्याओं के कारण मोटा और कमजोर हो गया। उसने इस बीमारी के इलाज के लिए पैसे जमा करने की कोशिश की। इस बीमारी के इलाज का खर्च करीब 10,000 यूरो के करीब आने की उम्मीद थी।
पादरी गिचुरू को कुछ गलत महसूस हुआ जब शादी के बाद उन्हें शारीरिक संबंध बनाने में समस्या हुई। उन्हें यौनेच्छा में कमी की शिकायत हुई और वह शारीरिक संबंध बनाने में नाकाम साबित होने लगे। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, पादरी गिचुरू ने उनसे कहा कि वह करीब 10 सालों तक अपनी पत्नी से शारीरिक संबंध नहीं बना पा रहे हैं।
जल्दी ही पादरी ने महसूस किया कि एक अवांछित तरल और चिपचिपा पदार्थ उनके मर्दाने स्तनों से बह रहा है। जिसे उन्होंने पहली नजर में पसीना कहकर नकार दिया। लेकिन जब वह घर पहुंचे और पत्नी को इस बारे में बताया। पत्नी ने जब उनके सीने की जांच की तो पाया कि उनके सीने से दूध बह रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, इसी समस्या के कारण पादरी अपनी पत्नी से 18 सालों तक यौन संबंध नहीं बना सके और उनकी यौनेच्छा भी घट गई।
पादरी गिचुरू ने स्थानीय क्लीनिक में समस्या के समाधान के लिए संपर्क किया। बाद में पादरी को केन्यत्ता राष्ट्रीय अस्पताल में टेस्ट के लिए भेज दिया गया। पादरी को उसके स्तनों की जांच के लिए महिलाओं की कतार में भेज दिया गया। वहां मरीज और डॉक्टर दोनों पादरी पर हंस रहे थे। तीन डॉक्टरों की जांच के बाद भी मेरी बीमारी का समाधान नहीं हो सका। बल्कि् मेरे सिर में तेज दर्द होने लगा और मेरी नेत्रज्योति कमजोर हो गई। अब पादरी गिचुरू इस बीमारी पर पहले ही करीब 13 लाख केन्याई शिलिंग खर्च कर चुके हैं। जबकि उन्हें इस बीमारी के इलाज और आॅपरेशन के लिए करीब 17 हजार यूरो की जरूरत है। पादरी की यौनेच्छा को वापस लाने के लिए जरूरी है कि वह एक महंगी सर्जरी करवाएं। फिलहाल वह अपने आॅपरेशन के लिए लोगों से मदद की अपील कर रहे हैं।

