आज के समय में आधे से ज्यादा युवा मोटापे को लेकर परेशान है। इसे दूर करने के लिए वह विभिन्न तरह के तरीकों का प्रयोग करते हैं। चीन में भी 11 साल एक लड़का भीषण मोटापे से ग्रस्त है। इस उम्र में उसका वजन 146 किलोग्राम (23 स्टोन) है। अब वह वजन कम करने के लिए चीन के पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का इस्तेमाल कर रहा है, जो कि बहुत की दर्दनाक है। इस ट्रीटमेंट के अंतर्गत लि हैंग नाम के इस लड़के को चीन के जिलिन प्रांत स्थित अस्पताल में फायर कपलिंग, फायर थेरेपी और एक्यूपंचर जैसी कई ट्रीटमेंट दिए जा रहे हैं। यह चाइनीज ट्रीटमेंट किसी खौफनाक सजा से कम नहीं है। इस थेरेपी में एक डॉक्टर उसके नंगे पेट पर तौलिये को डालकर उसमें आग लगा देता है।
चाइना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक ली हैंग प्राडर विली सिंड्रोम (Prader–Willi syndrome) नाम की बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी का पता उस समय चला जब ली की उम्र 3 साल थी। प्राडर विली सिंड्रोम एक रेयर जैनिटिक डिसऑर्डर है, इससे ग्रसित शख्स में ज्यादा खाने, सीखने में कठिनाई और विकास में असामान्यताएं जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि 4 साल की उम्र में ली का वजन 6.7 स्टोन (42 किलोग्राम) है जो कि सामान्य बच्चों की तुलना से 2.5 गुना ज्यादा है। चाइना नेशनल हेल्थ और फैमिली प्लानिंग कमीशन के मुताबिक चीन में 4 साल के बच्चों का औसत वजन 2.6 स्टोन है।
चीन में वजन कम करने के लिए फायर थेरेपी का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। वर्ल्ड ओबेसिटी फेडरेशन की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2025 तक 5 से 18 साल की उम्र के वजन के सबसे ज्यादा बच्चे होंगे। इसके अलावा यूके की आबादी भी मोटापे की समस्या से जूझ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक ली हैंग को फायर थेरेपी ट्रीटमेंट को लेते हुए 2 महीने का समय हो गया है। इस दौरान उसने 2.4 स्टोन (15 किलोग्राम) वजन कम किया है।
Boy, 11, who weighs 23 stone set ON FIRE in terrifying therapy as part of desperate bid to get him to lose weight https://t.co/FwZpV1S6PW pic.twitter.com/SWXnABMaxd
— ThePoliticmanager (@MOREK12) November 25, 2016