रूस-भारत के रिश्ते सिर्फ तेल कारोबार तक सीमित नहीं है. बल्कि, दिल्ली और मॉस्को के रिश्ते ना सिर्फ ऐतिहासिक हैं. डिफेंस सेक्टर में भारत और रूस की जड़ें आपस में बहुत गहरी हैं. भारत सबसे ज्यादा हथियार और डिफेंस उपकरण रूस से ही मंगाता है, भले ही वो ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को धूल चटाने वाला S-400 एयर डिफेंस सिस्टम हो या फिर सुखोई लड़ाकू जेट्स. भारत के ज़खीरे में रूस के एक से एक बाहुबली हथियार हैं. दरअसल, स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट यानी सिपरी का कहना है कि भारत साल 2020-2024 तक दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार इंपोर्टर देश रहा है. भारत ने दुनिया के कुल हथियार इंपोर्ट का 8.3 फीसदी हिस्सा भारत ने आयात किया है. और सबसे बड़ी बात ये है कि आत्मनिर्भर भारत के बावजूद रूस भारत का सबसे बड़ा डिफेंस सप्लायर बना हुआ है. SIPRI के मुताबिक, 2020-2024 तक भारत ने रूस से कुल 36 फीसदी डिफेंस इंपोर्ट किया, जबकि फ्रांस से 33 फीसदी और इज़रायल से 13 फीसदी अपने हथियार मंगाए.
