बुधवार को राष्ट्रपति और संसद चुनाव के दौरान देशभर में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने हसन के बैनर फाड़े, सरकारी इमारतों में आग लगाई। पुलिस ने आंसू गैस और गोलियां चलाईं।मुख्य विपक्षी नेता टुंडू लिस्सू (चाडेमा) और लुहागा म्पिना (एसीटी-वाजालेंदो) को नामांकन से बाहर किया गया। विपक्ष ने “भूत वोटर”, मतदान में हेराफेरी, इंटरनेट ब्लैकआउट और कम मतदान का आरोप लगाया। इसे “हसन का ताजपोशी समारोह” बताया।चुनाव से पहले 200+ लोग गायब, दर्जनों गिरफ्तार; एमनेस्टी और यूएन ने दमन की निंदा की। मतदान के दिन हिंसक प्रदर्शन: बैनर फाड़े, इमारतें जलाईं; पुलिस ने गोली चलाई। विपक्ष का दावा—सैकड़ों मरे; यूएन ने 10 मौतें पुष्टि की। सरकार ने आंकड़े खारिज किए।यह नतीजे लोकतंत्र पर सवाल उठाते हैं। क्या दमन से सत्ता बची? तंजानिया की राजनीति में नया तनाव।
