संदीप के अनुसार, पूरन ने फाइलें रोकीं, याचिकाकर्ताओं से पैसे मांगे और मानसिक उत्पीड़न किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिला पुलिसकर्मियों का तबादले के बदले यौन शोषण किया गया। संदीप ने कहा, “पूरन का भ्रष्टाचार बहुत गहरा है। भ्रष्टाचार की शिकायत सामने आने के डर से उन्होंने आत्महत्या की।” उन्होंने जोर दिया कि पूरन की संपत्ति की जांच होनी चाहिए और यह मामला जातिगत नहीं, बल्कि सच्चाई का है। संदीप ने कहा, “मैं इस सच्चाई के लिए अपनी जान दे रहा हूं। मुझे गर्व है कि मैं ईमानदारी के साथ खड़ा हूं। यह देश को जगाने के लिए जरूरी है।” उन्होंने यह भी बताया कि उनके परिवार ने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया था।